विमोह!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमोह – Vimoha. Confusion, bewilderment. परस्पर सापेक्ष द्रव्यार्थिक, पर्यायार्थिक नयों के अनुसार द्रव्य, गुण, पर्याय आदि को नहीं जान पाना विमोह कहलाता है ” अथवा शाक्य – बुध्द आदि द्वारा कथित वस्तु में निश्चय करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमोह – Vimoha. Confusion, bewilderment. परस्पर सापेक्ष द्रव्यार्थिक, पर्यायार्थिक नयों के अनुसार द्रव्य, गुण, पर्याय आदि को नहीं जान पाना विमोह कहलाता है ” अथवा शाक्य – बुध्द आदि द्वारा कथित वस्तु में निश्चय करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवती – Bhagavati. A type of super power, Other name of Jaina – initiation. बहुरुपविधायिनी एक विघा ” जिन दीक्षा को भी भगवती दीक्षा कहते हैं “
तीर्थंकर वृत 24 continuous fastings for 24 Teerthankars (Jaina-Lords). तीर्थंकरों के नाम से 24 दिन लगातार उपवास करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलराशि–Mula Rashi. Principal amount. जिस राशि में अन्य राशि को जोड़ा या घटाया जाये”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावकरण – Bhavakarana. Another name for Karan Labdhi (efficiency attainment). करणलब्धि का दूसंरा नाम ” यह पांचवी लब्धि है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैमित्तिक व्युत्सर्ग – Naimittika Vyutsarga. Activities of occasional abandonments. नियतकाल व्युत्सर्ग (त्याग) का एक भेद; पर्व के दिनों में की जाने वाली क्रियाएं व निषद्या आदि क्रिया करना “
त्रिकलिंग A country of middle Arya Khand (region). मध्य आर्यखण्ड का एक देश। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरागंज मुनि –Virangaja Muni Name of the last Jaina saint of PanchamKal (the 5th time – cycle of universe). पंचम काल के अंत में होने वाले अंतिम दिगम्वर जैन साधू ” जो पंचम काल के अंत में राजा द्वारा आहार का प्रथम ग्रास शुल्क के रूप में मांगे जाने पर अंतराय मानकर…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रनाभि – Vajranaabhi Past-birth soul of Lord Rishabhdev & Lord Parshvnath, Past-birth name of Lord Vimalnath’s father, Name of a chief disciple of Lord Abhinandannath. भगवान ऋषभदेव के तीसरे तथा भगवान पार्श्वनाथ के चौथे पूर्वभव का जीव , तीर्थंकर विमलनाथ के पूर्वभव के पिता , भगवान अभिनन्दंननाथ के एक गणधर का नाम
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिनाथ बारहमासा – Neminaatha Baarahamaasaa. Name of a book. बूचिराज (ई.शु.16) कृत राजमति के उद्दगार विषयक एक काव्य कृति “