त्रि मकार!
त्रि मकार Wine, meat, honey (the three inedible things). मदिरा, मास, मधु। तीन न खाने योग्य पदार्थ जिनका प्रारंभ ‘म’ शब्द से है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रि मकार Wine, meat, honey (the three inedible things). मदिरा, मास, मधु। तीन न खाने योग्य पदार्थ जिनका प्रारंभ ‘म’ शब्द से है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्मशान-निलय – Shmashaana-Nilaya. A type of vidyadhars of Matanga jati (a descendant). मातंग जाति विद्याधरों के 7 उत्तर भेदों में दूसरा भेद; ये धूलि धूसरित तथा श्मशान की हड्डियों से निर्मित आभूषणों से युक्त होते हैं “
उदकावास Name of a mountain & a protecting deity of Mahashankh mountain in Lavan ocean. उदय का आगे अभाव जिस गुणस्थान में जितनी प्रकृतियों की उदय व्युच्छित्ति हो उनका उदय उसी गुणस्थान तक है आगे नहीं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संपराय – Sanparaaya. Passionful influx. संपराय कषाय व संसार को कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रविष्ट – वंदना का एक अतिचार। अर्हतादि परमेशिठयों के अत्यंत निकट होकर वंदना करना। Pravista- An infraction of paying reverence, to be very near to the idol of lord Arihant , Acharyas etc
गिरि A mountain, Name of the kings of Yadu & Hari dynasties. पर्वत, यदु (यादव) वंश एवं हरिवंश के राजाओं का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यय- pratyaya Knowledge, cause, inter relation casual ज्ञान, श्रद्धा, निमित, कारण, हेतु। जैनागम में प्रत्यय अर्थात आस्त्रव कर्मों के आने के द्वार के लिए मुख्यत: प्रयुä होता है।
दशलक्षण व्रत विधि एवं पूजा दशलाक्षणिकव्रते भाद्रपदमासे शुक्ले श्रीपंचमीदिने प्रोषध: कार्य:, सर्वगृहारम्भं परित्यज्य जिनालये गत्वा पूजार्चनादिकञ्च कार्यम्। चतुर्विंशतिकां प्रतिमां समारोप्य जिनास्पदे दशलाक्षणिकं यन्त्रं तदग्रे ध्रियते, ततश्च स्नपनं कुर्यात्, भव्य: मोक्षाभिलाषी अष्टधापूजनद्रव्यै: जिनं पूजयेत्। पंचमीदिनमारभ्य चतुर्दशीपर्यन्तं व्रतं कार्यम्, ब्रह्मचर्यविधिना स्थातव्यम्। इदं व्रतं दशवर्षपर्यन्तं करणीयम्, ततश्चोद्यापनं कुर्यात्। अथवा दशोपवासा: कार्या:। अथवा पंचमीचतुर्दश्योरुपवासद्वयं शेषमेकाशनमिति केषाञ्चिन्मतम्, तत्तु शक्तिहीनतयाङ्गीकृतं न…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतीघात- pratighata Obstruction hinderance प्रतिबन्ध या बाधा।