झरना!
झरना Waterfall. पहाड़ों से निकलने वाली जलधारा। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहु आरम्भ- नरक आयु के आस्त्रव का कारण; मर्यादा से अिधक अन्यायपूर्वक व्यापारादि करना। Bahu Arambha- Unlimited household activities
उदीर्ण That have passed from fruitional operation (regarding Karmic matter). फलदान रूप से परिणत हुआ कर्म -पुद्गल स्कन्ध।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बाल बाल मरण- मिथ्यादृष्टि अज्ञानी जीव का मरण। Bala Bala Marana- Death of a wrong believer one
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिंग व्यभिचार – स्त्रीलिग के स्थान पर पुल्लिंग का कथन करना और पुल्लिंग के स्थान पर स्त्रीलिेग का कथन करना। Limga Vyabhicara-wrong interpretation of genders (i. e. masculine for feminine or vice versa)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बल प्राण- 10 प्राणों में 3 प्राण- मनबल, वचनबल, कायबल। Bala Prana- life vitalities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बारस अणुवेक्खा- आचार्य कुन्दकुन्द (ई. 127-179) कृत वैराग्य विषयक एक ग्रन्थ । Barasa Anuvekkha- A book written by Acharya Kund-Kund
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्तर सत्त्व त्रिभंगी –VistaraSattvaTribhammgi. Name of a treatise written by AcharyaKanaknandi. आचार्य कनकनंदि कृत कर्म सिध्दांत विषयक प्राक्रत भाषा का एक ग्रंथ ” समय – ई.सन् ९३९
देवद्रव्य (देवधन) Offering auspicious substances for worshipping Lord. पूजा, चैत्यालय आदि के निमित्त अर्पण किया हुआ द्रव्य । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसाधिकाम्मोद – रसधिक जाति के मेघ। यं रस की वर्शा करते हैं।उत्सर्पिणी काल में अतिदुशमा काल के अन्त में ये बरसते है जिससे घरती उपजाउ होती है। Rasadhikammoda-A kind of clouds causing juicy raining