घोर ब्रह्मचर्य!
घोर ब्रह्मचर्य A supernatural power of having continuous celibacy. ऋद्धि-जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु सर्वगुणों से संपन्न होकर अखण्ड ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
घोर ब्रह्मचर्य A supernatural power of having continuous celibacy. ऋद्धि-जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु सर्वगुणों से संपन्न होकर अखण्ड ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्रीकथा -Strikathaa. Passionate tale or romantic gossip.विकथा के 4 भेदो मे एक भेद। स्त्रियो की रागोत्पादक कथाओ को सुनना या करना अथवा कामीजनो द्वारा की जाने वाली स्त्रियो की संयोग-वियोग जनित विविध वचन रचना।
देवसेन An Acharya, disciple of Veersen (Dhavalåkar).आचार्य ई. 820-870 मं वीरसेन (धवलाकार) के शिष्य महाधवल सिद्धांत 40,000 श्लोक के कर्ता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]] या Father’s name of the 5th Teerthankar (Jaina-Lord) of Videh kshetra (region). विदेह क्षेत्र में स्थित 5 वें तीर्थंकर के पिता का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चरणसार A book written by Acharya Padmanandi. चारित्रसार ; आचार्य पद्मनंदि (ई. श.. ११ उत्तरार्ध) कृत एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधितंत्र टीका – Samaadhitantra Teekaa. Name of a commentary book written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभाचन्द्र (ई. 950-1020) कृत संस्कृत टीका।
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == कुशिष्य : == देंतोच्चिय उवएसं हवइ कयत्थो गुरु सुसीसाणं। विवरीयाण निरत्थो दिणयरतेओ व्व उलुयाणं।। —पउमचरिउ : ५०५ सुशिष्यों को उपदेश देने पर गुरु कृतार्थ होता है, किन्तु जिस तरह उल्लू के लिए सूर्य निरर्थक होता है, उसी तरह विपरीत अर्थात् कुशिष्यों को उपदेश देने पर वह निरर्थक हो जाता है।…
चित्रकारपुर A city of Bharat Kshetra (region). भरतक्षेत्र का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिसंघ – Namdisamgha A group of Digambara jain Saints. दिगम्बर जैन साधुओं का एक संघ ”
चांडाल The untouchables, a sinful person (used as a rebuke) pertaining to the obstacle in saint-food. अस्पर्श शुद्र , चाण्डालादि के दिख जान एपर या उसका शब्द कान में पद जाने पर आहार में अन्तराय हो जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]