एवकार!
एवकार Exactly, Just (not liable to be changed). नियामक अध्यय- जैसे अर्जुन ही धुरंधर है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एवकार Exactly, Just (not liable to be changed). नियामक अध्यय- जैसे अर्जुन ही धुरंधर है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्तर वैक्रियक Transformable protean body (variant). मूल शरीर को छोड़कर पृथक् विक्रिया से बने शरीर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौलि– Mauli. Crown with great lustre possessed by celestial beings. दैदीप्यमान मुकुट,इसेस्वर्ग के देव धारण करते है”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंवर – Svayammvara. An ancient tradition of choosing a bridegroom by a bride, father’s name of the 4th Jaina Lord Abhinandannath. एक प्राचीन कथा- एक राजकुमारी द्वारा अपने पति का चुनाव करना, अयोध्या नगरी के राजा, इनकी रानी सिद्वार्था थी और चैथे तीर्थकर अभिनन्दननाथ भगवान के पिता थे।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संततता – Santatataa. Continuance, Iteration, Tradition. निरंतर, संतत, परम्परा “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव सिद्व – Svabhaava Siddha. . Self proved or identified matter. अहेतुक या स्वतः सिद्व। जैसे वास्तव मे द्रव्यो मे द्रव्यान्तर की उत्पत्त्ति नही होती, क्योकि सर्व द्र्रव्य स्वभाव सिद्व है उनकी स्वभाव सिद्वता अनादि से है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य प्राण – Bahya Prana. All valuable articles to be very dear to a person. लोक में स्वर्ण, धन आदि जितने भी पदार्थ हैं वे सब प्राणियों को अत्यंत प्रिय होने के कारण बाह्य प्राण कहलाते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यत्व भाव – Bhvyatva Bhava. Worthy feeling for salvation. जीव के पारिणामिक भाव का एक भेद ” देखें – भव्यत्व “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्न (सत्य-असत्य) – Svapna (Satya-Asatya). Right & False dreams.स्वस्थ अवस्था मे दिखने वाले तथा दैव से उत्पन्न होने वाले स्वप्न सत्य होते है एवं अस्वस्थ अवस्था मे तथा दोष से उत्पन्न होने वाले स्वप्न असत्य होते है।
उत्पाद-व्यय-ध्रौव्य Production, destruction & permanence (these are three characteristics of matter). उत्पत्ति विनाश और ध्रुवत्य (स्थाईपना) जो द्रव्य के तीन लक्षण होते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]