वीजना!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीजना –Vijana. Fan. पंखा “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मणिभद्र (देव) – Manibhadra (Dev). A deity of Yaksha lineage. पांच क्षेत्र पालों में एक , यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विस्तर सत्त्व त्रिभंगी –VistaraSattvaTribhammgi. Name of a treatise written by AcharyaKanaknandi. आचार्य कनकनंदि कृत कर्म सिध्दांत विषयक प्राक्रत भाषा का एक ग्रंथ ” समय – ई.सन् ९३९
गोचरी प्रतिक्रमण Repentance for sins after food taking activity by a saint. गोचरी से आने पर साधु द्वारा किया जाने वाला प्रतिक्रमण ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसाधिकाम्मोद – रसधिक जाति के मेघ। यं रस की वर्शा करते हैं।उत्सर्पिणी काल में अतिदुशमा काल के अन्त में ये बरसते है जिससे घरती उपजाउ होती है। Rasadhikammoda-A kind of clouds causing juicy raining
चंदप्पहचरिउ A book written by Brahmadamodar. ब्रह्मदामोदर द्वारा रचित चनराप्रभ चरित्र. समय- ई. ११ मध्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपसत्य – 10 प्रकार के सत्यभाशण में एक। इसमें पदार्थ के न हाने पर रूप मात्र की अपेक्षा उसका कथन करना।जैसे – चित्र में बने पुरूश को पुरूश कहना। Rupasatya-Description of something by general outline
गृहीत द्रव्य Acquired matter, changed form of matter. ग्रहण किया गया द्रव्य, द्रव्य परिवर्तन ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लांतव देव – सातवे स्वर्ग के निवासी देव। Lamtava Deva-The deities of the 7th heaven
घातिया कर्म Destructive Karmas. जिसके उदय से जीव के ज्ञानादि अनुजीवी गुणों का घात होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]