चतुर्दश पूर्वित्व!
चतुर्दश पूर्वित्व A type of supernatural power possessed by great saints (Shrut Kevalis). एक प्रकार की ऋद्धि. द्वादशांग श्रुतज्ञान को धारण करने वाले महर्षि अर्थात् श्रुतकेवली इस ऋद्धि के धारी होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्दश पूर्वित्व A type of supernatural power possessed by great saints (Shrut Kevalis). एक प्रकार की ऋद्धि. द्वादशांग श्रुतज्ञान को धारण करने वाले महर्षि अर्थात् श्रुतकेवली इस ऋद्धि के धारी होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धात्मज्ञान – SShuddhaatmagyaana. Right knowledge of pure soul, A synonym word for Mokshmarg (path of salvation). शुद्ध आत्मा का ज्ञान होना, मोक्षमार्ग या निर्विकल्प समाधि का एक अपरनाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगल (ज्योतिषलोक): Name of space vehicle, Name of the 83rd planet. मध्य लोक से 897 योजन ऊपर जाकर ज्योतिष लोक में स्थित एक विमान, ज्योतिष के 88 ग्रहों में 83वां ग्रह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संरंभ – Sanranbha. Resolution for some activity. जीवाधिकरण का एक भेद; कार्य करने का संकल्प करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विग्रहगति – Vigrahagati.: Transmigratory motion of a soul. एक शरीर को छोड़कर नवीन शरीर ग्रहण करने को जीव जो गमन करता है वह विग्रहगति है “यह दो प्रकार की होती है (1) मोड़े रहित (2) मोड़े सहित अर्थात कुटिल “
देह Body, a type of peripatetic celestial. शरीर, काया, पिशाच, जातीय व्यंतर देवों का एक भेद।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकिरंत- Vikiranta.: Dispersing the yellow rice grains while worshipping. पुष्पांजलि बिखेरना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयतासंयत – Sanyataasanyata. One having control & restraints with minor vows. एकदेश रूप व्रतों के या अणुव्रत के धारक जीव ” व्रती श्रावक, क्षुल्लक व ऐलक ये संयतासंयत कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विंशति – Vinshati.: Twenty. 20;कषाय व लेश्या की अपेक्षा आयुबंध के 20 स्थान, 20 प्ररुपणा, विदेह क्षेत्र में विद्यमान 20 तीर्थंकर आदि “
गंधकुटी Seat of Lord in Samavashran – the holy assembly of Jaina lord. समावशरण के मध्य भगवान के बैठने का स्थान । [[श्रेणी:शब्दकोष]]