आहारत्याग!
आहारत्याग Food taking procedure of Digambar Jain saints. अनशन प्रोषधोपवास सल्लेखना आदि में आहार का त्याग करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहारत्याग Food taking procedure of Digambar Jain saints. अनशन प्रोषधोपवास सल्लेखना आदि में आहार का त्याग करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य परिग्रह – Bahya Parigraha. External material. क्षेत्र, वास्तु , धन , धान्य आदि समस्त बाह्य परिग्रह हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पनसा:A river of Bharat Kshetra Arya Khand (region). भरत क्षेत्र स्थित आर्यखण्ड की एक नदी ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सद्भाव : == किं तेणावि घडिज्जइ जो न हु सब्भावरसनिसित्तो वि। पुरिसो य पुहइिंपगे व मिज्जिओ अप्पमप्पेइ। —गाहारयणकोष : ६५ जो सद्भाव के रस से अभिसिंचित नहीं है, उसके जन्म से क्या लाभ ? पुरुष तो पृथ्वी के िंपड जैसा होता है जो पानी से भीजकर अपने आपको…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरुक्ति – Nirukti. Commentary, Explanation, Etymological interpretation of words. व्युत्पत्ति, शब्दों की व्युत्पत्ति (व्याकरण) सहित व्याख्या “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भंगविधि – Bhamgavidhi. A particular method for obtaining knowledge of something, synonym word for shrutgvan (scrip- tural knowledge). अहिंसा, सत्य, अस्तेय, शील आदि भंग का जिसके द्वारा विधान किया जाता है उसे भंगविधि अर्थात् श्रुतज्ञान कहते हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शौच : == समसंतोसजलेणं जो धोवदि तिव्व—लोहमल—पुंजं। भोयण—गिद्धि—विहीणो, तस्स सउच्चं हवे विमलं।। —समणसुत्त : १०० समता और संतोष के जल से जो तीव्र लोभ के मल—पुंज को धाया करता है, भोजन की लालसा से जो विहीन हुआ करता है, वह पवित्र शौच धर्म से संपन्न होता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निराकांक्ष अनशन – Niraakaanksha Anashana. Fasting without any worldly desire. बिना किसी लौकिक आकांक्षा के अनसन करना “