शुभकरण चिन्ह!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभकरण चिन्ह – Shubhakarana Chinha. Virtuous symbols (marks)on the body. सम्यक्त्व या अवधिज्ञानी के नाभि के ऊपर शंख आदि शुभ आकार वाले चिन्ह “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभकरण चिन्ह – Shubhakarana Chinha. Virtuous symbols (marks)on the body. सम्यक्त्व या अवधिज्ञानी के नाभि के ऊपर शंख आदि शुभ आकार वाले चिन्ह “
देवरम्या Name of a dominion, ‘Chandani’ of Bharat Chakravarti. भरत चक्रवती की एक विभूति ‘चाँदनी’ का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चन्दनपष्ठी व्रत A particular vow to be followed for 6 years. ६ वर्ष तक प्रतिवर्ष भाद्रपद कृष्णा छठ तिथि को उपवास करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरपादपSurapaadapa. Kalpavriksh (wishfulfilling trees) of heaven. स्वर्गो में होने वाले कल्पवृक्ष ।
चतुर्भावना Four types of emotions or sentiments. मैत्री, प्रमोद , कारुण्य , मध्यस्थ भावना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यमा – Madhyama. A particular type of language (word – grouping) related to Jaina philosophy. भाषा; शब्दवर्गणारूप द्रव्य वचन ” शब्दाद्वैतवादी द्वारा माने गये वाणी के चार भेदों में एक भेद ; जो श्वासोच्छ्वास का उल्लंघन कर अनुकर्म से प्रवते॔, इसे जैनियों ने शब्द वर्गणारूप द्रव्य वचन कहा है “
चतुर्मासिक प्रतिक्रमण A type of penitence which is to be conducted after four months’ staying of a Jain rsaint in rainy season. प्रतिक्रमण का एक भेद ; चार-चार माह में किया जाने वाला प्रत्क्रमण ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम आराधना- Madhyama Aradhana. A type of adoration related to the spiritual development of soul at the path of salvation. भक्त प्रत्याखयान की वह आराधना जिस का पालन कर शरीर का त्याग करने वाले मुनिराज विशुद्ध लेश्या को धारण कर अनुत्रवासी देवों में उत्पन्न होतें हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम अवगाहना – Madhyama Avagahana. A kind of occupancy. अवगाहना के तीन भेदों में एक भेद “