दण्डनीति!
दण्डनीति Harsh policy of a ruler, the ethics of a ruler. प्रशासन विद्या यह प्रशासन की 4 विद्याओं में एक विद्या है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दण्डनीति Harsh policy of a ruler, the ethics of a ruler. प्रशासन विद्या यह प्रशासन की 4 विद्याओं में एक विद्या है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == गुरु—विराधना : == यस्य गुरौ न भक्ति:, न च बहुमान: न गौरवं न भयम्। नापि लज्जा नापि स्नेह:, गुरुकुलवासेन किं तस्य ? —समणसुत्त : २९ जिसमें गुरु के प्रति न भक्ति है, न बहुमान है, न गौरव है, न भय (अनुशासन) है, न लज्जा है तथा न स्नेह है, उसका…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षोडश स्वप्न (चक्रवर्ती) – Sodasha Svapna (Cakravartee). Sixteen different symbolic dreams seen by Bharat Chakravarti (an emperor). भरत चक्रवर्ती के 16 स्वप्न- पर्वत पर 23 सिंह, सिंह के साथ हिरणों का समूह, हाथी के ऊपर बैठा बंदर, अन्य पक्षियों द्वारा त्रसित उल्लू, आनंद करते भूत, मध्यभाग में सूखा तालाब, मलिन रत्नराशि, कुत्ते का नैवेद्य…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षड् रस – Sadrasa. Six particular kinds of delicacies (milk, curd, ghee, oil, salt, sugar). 6 रस- दूध, दही, घी, तेल, नमक, मीठा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रासुक परित्याग- दया बुद्धि से साधुओं के द्वारा किये जाने वाले ज्ञान, दर्षन, चारित्र के दान का नाम प्रासुक परित्याग है। Prasuka parityaga- Preaching of right faith, right knowledge & right conduct by jaina saints
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदि अन्वय – Namdi Anvaya A group of saints of Dravid sangh. द्रविड़ संघ के एक गच्छ का नाम ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षट्खंडागम टीका – Satkhandaagama Teekaa. The commentary books written on Shatkhandagam- 6 great scriptural parts. षट्खंडागम ग्रंथ के जीवट्ठान,खुद्दाबंध, बंधस्वामित्व विचय, वेदना, वर्गणा, महाबंध, in 6 खण्डों पर उपलब्ध अनेक टीकाएं ” छठे खण्ड पर वीरसेन स्वामी ने संक्षिप्त व्याख्या के अतिरिक्त और कोई टीका नही की है ” सर्वप्रथम परिकर्म नामक टीका आचार्य…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] The spiritual teacher or preceptor of Padmanandi-6, A disciple of Kaldhautanandi(a saint). आचार्य पद्मनन्दि नं. 6 के गुरु, देशीयगण की तृतीय शाखा में कल्धौतनिन्द के शिष्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्वेताम्बराभास – Shvetaambaraabhaasa. A sub-sect of Shvetambar Jain group. स्वेताम्बर संघ से उत्पन्न हुआ एक मत, अपरनाम ढूंढिया मत या स्थानकवासी मत “