उपादान कारण(क्षणिक)!
उपादान कारण(क्षणिक) Affluent cause (momentary). क्षणिक रूप से उपादान कारण होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपादान कारण(क्षणिक) Affluent cause (momentary). क्षणिक रूप से उपादान कारण होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोहाचार्य –Lohaacharya.: Name of a great Acharya in the era of Lord Mahaveera . महावीर भगवान के निर्वाण के 565 वर्ष बाद हुए आचारान्गधारी चार आचार्यों में चौथे आचार्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निवृत्ति – Nivrtti. Devoid of all desires, Datachment from worldly life, Abstinence. समस्त अभिलाषाओं कस त्यग करना “
उत्कर्षण Up – traction or increase in period of karmas. कर्मो की स्थिति (अनुभाग) को बढाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोभ प्रत्याख्यान –Lobha Pratyaakhyaana. Renunciation of greed . सत्यव्रत की रक्षार्थ एक भावना ;लोभ के त्याग की भावना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकालोक विभाग – Lokaaloka Vibhaag.: The universal & non –universal spaces. आकाश द्रव्य के लोक और आलोक का विभाग अर्थात् लोकाकाश और अलोकाकाश “
उपसंपदा Submission . साधुओं के औधिक समाचार का एक भेद गुरूओं को आत्म समर्पण कर आज्ञानुसार आचरण करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उच्चारणाचार्य Name of an Acharya. एक आचार्य जिन्होंने कषाय पाहुड़ के चूर्णिसूत्रों के आधार पर उच्चारण वृत्ति नामक टीका लिखी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहारक द्विक् Dyad assimilation pertaining to Aharak Sharir. आहारक शरीर आहारक अंगोंपांग।[[श्रेणी:शब्दकोष]]