एक – अंशग्राही ज्ञान!
एक – अंशग्राही ज्ञान Partial perceptual knowledge. प्रमाण के द्वारा ग्रहण की गई वस्तु के वस्तु के एक अंश में वस्तु का निश्चय करने वाला ज्ञान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एक – अंशग्राही ज्ञान Partial perceptual knowledge. प्रमाण के द्वारा ग्रहण की गई वस्तु के वस्तु के एक अंश में वस्तु का निश्चय करने वाला ज्ञान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्कर (कवि) – Bhaskara (kavi). Name of a poet who wrote Jivandhar Charitra. जीवन्धर चरित्र के रचयिता एक कन्नड़ कवि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावना पध्दति – Bhavana Paddhati. Name of a treatise written by Bhattarak Padmanandi. भट्टारक पधनन्दी (ई. १३२८-१३९८) कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिष्टपेषण – Pistapesana. The act of grinding what has already been ground, useless repetition. किये हुए अर्थ या कार्य को निरर्थक रूप से दुबारा करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर अहिंसा:To Protect others i.e. to follow non-violence. दूसरो की रक्षा आदि करना ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मीमांसा दर्शन–Meemansa Darshan. Philosophical system of Investigation. षट्दर्शन में एक दर्शन”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म राग – Sukshma Raaga. Slight attachments. 7 वे से 10 वें गुणस्थान तक होने वाला अबुद्धिपूर्वक राग सूक्ष्म राग कहलाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिच्छिका – Picchika. An auspicious article made with pecock- feathers which are turned down naturally while dancing of a pecock. it is used by Digambar Jaina saints. दिगम्बर साधु- साध्वियों की पहचान का बाहा चिन्ह, यह मयूर के द्वारा स्वतः छोड़े गए पंखो से बनायीं जाती है एवं जीवदया पालन हेतु संयम का उपकरण…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोद क्रिया–Mod Kriya. An auspicious activity related to the birth of child. गर्भधान के नवमें महीने में गर्भ की पुष्टि के लिए पुनः पूर्वोक्त विधान करके, स्त्री को गात्रिका–बन्ध, मन्त्रपूर्वक बीजाक्षर लेखन व मंगलाभूषण पहनाना”