प्रकांड!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकांड – Prakanda. A great & learned person, a man of vast learn-ing. उत्कृष्ट विद्वान “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकांड – Prakanda. A great & learned person, a man of vast learn-ing. उत्कृष्ट विद्वान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति शक्ति – Sthiti Sakti. Strength of karmic binding.प्रथम आदि निषेको की सर्व की स्थिति शक्ति है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगनिग्रह – मन वचन काय की स्वछन्द प्रवृत्ति को सम्यक् प्रकार से रोकना। Yoganigraha-Controlling the activities related to mind speech & body
छठा अणुव्रत Sixth model stage;to renounce night meal. रात्रि भोजन का त्याग करना , जैन साधुओं के ५ महाव्रतों के साथ-साथ यह छठा अणुव्रत माना गया है . इसका पालन करते हुए वे मन-वचन-काय से रात्री भोजन की अनुमोदना भी नहीं करते ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थावर जीव – Sthaavara Jiva. Transmigratory state of soul (reg. immobile or static beings like earth, water, fire, air & plants).5 स्थावरोे के 4 भेदो मे एक भेद। जो जीव पहले शरीर को छोड़कर स्थावरो मे जन्म लेने के लिये जा रहा है, जब तक वह स्थावरो को अपने शरीर रुप से ग्रहण नही…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथपूर – विजयार्घ की दक्षिण श्रेणी के नगरों के नाम। Rathapura-Name of cities situated in southern Vijayvardha Mountain
चर्चिका A time unit. काल का एक प्रमाण , ८४ लाख हस्त प्रहेलिका प्रमाण काल , यह संख्यात काल का एक भेद है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्ज्ञानचंद्रिका – Samayagyaanachandrikaa. Name of a great book written by Pandit Todarmal. पं. टोडरमल जी (ई. सन् 1761) कृत अध्यात्म विषयक ग्रंथ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्षणपंक्ति व्रत – किसी भी दिन से प्रारम्भ करके एक उपवास एक पारणा क्रम से 204 उपवास करना, एवं णमोकर मंत्र का त्रिकाल जाप्य करना।अपरनाम दिव्य लक्षणपंक्ति है। Laksanapamkti Vrata-A particular type of vow (fasting) observed with proper procedure
चूर्णसूत्र Epithet, Aphorism, a short remark which contains a great meaning. अल्प शब्दों में महान अर्थ का धारावाही विवेचन करने वाले पद चूर्णी सूत्र कहलाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]