तत्वनिर्णय!
तत्वनिर्णय A book written by Acharya Shubhchandra. आचार्य शुभचन्द्र (ई.-1556) द्वारा रचित एक याय विषयक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्वनिर्णय A book written by Acharya Shubhchandra. आचार्य शुभचन्द्र (ई.-1556) द्वारा रचित एक याय विषयक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूशंकपुर A city in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तंत्ररत्न Name of a book written by Parthsarthi Mishra. पार्थसारथिमिश्र द्वारा रचित एक साहित्य ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवविमान Space vehicles of deities. देवों के विमान, तीर्थंकर की माता के 16 स्वप्नों में 13 वां स्वप्न जिसका फल यह होता है कि उत्पन्न होने वाला ‘जीव स्वर्ग से अवतीर्ण होगा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
छन्ना Filter cloth (a piece of cloth used for filtering the water). जल गालन अर्थात् पानी को छानने का कपड़ा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वात्मभूत – Sarvaatmabhoota. Name of the 5th predestined Jaina-Lord (another name of Sarvayudh) भाविकालीन 5 वें तीर्थकर, अपरनाम सर्वायुध ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुखस्थ कमल–Mukhast Kamal. A type of meditation, to establish ‘Saa’ (a mystic word) into the mouth. पदस्थ धयन की प्रक्रिया के अंतर्गत एक क्रिया, मुख स्तिथि कमल जहा पंचाक्षरी मन्त्र (असिआउसा) के‘सा’ को स्थापित किआ जाता है”
छयालीस Forty six (a number). ४६ ; अर्हन्त भगवान के छयालीस गुण इत्यादि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वसंक्रमण – Sarvasankramana. All Karmic transition. अंत की फाली में शेष बचे सर्व प्रदेषो का अन्य प्रकृति रूप होना सर्वसंक्रमण है।
छेद An infraction of vow of non-violence (piercing the organs of animals), Karmic destruction, Hole, Opening . अहिन्साणुव्रत का एक अतिचार ; पशुओं के कान , नाक आदि अवयवों का भेदना , कर्मों का क्षय , सुराख ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]