जघन्य आराधना!
जघन्य आराधना A type of adoration. तेजोलेश्या के धारक क्षपक की भक्तप्रत्याख्यान आराधना।।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्य आराधना A type of adoration. तेजोलेश्या के धारक क्षपक की भक्तप्रत्याख्यान आराधना।।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तडिद Lightening, reason for the worldly detachment of Lord Chandraprabha & Mallinath. बिजली चमकाना, चन्द्रप्रभु भगवान एंव मल्लिनाथ भगवान का वैराग्य कारण । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाववेद – Bhavaveda. Psychic libido. वेद नोकषाय के उदय से मैथुन भाव होना, इसके ३ भेद हैं “
जम्बूद्वीपव्रत A type of vow (fasting) to be observed for different 78 days related to the 78 natural temples of Jambudvip. जम्बूद्वीप क्व सुदर्शन मेरू के १६ , गजदन्त के ४ , जम्बू शाल्मलिवृक्ष के २, वक्षार के १६ , विजयार्ध के ३४ , षट्कुलाचल के ६ ऐसे १६+४+२+१६=७८ जिन्मंदिरों के ७८ वृत करना होते…
तंत्रवार्तिक Name of a commentary book written by Kumaril Bhatta. मीमांशा दर्शन की कुमारिल भट्ट (ई.700)रचित एक गंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतबली – Bhutabali. Name of a great Acharya, the disciple of Acharya Arhadvali. एक आचार्य (ई. ६६-१५६)जिनके दीक्षा गुरु आचार्य अर्ह्द्वली और शिक्षा गुरु ध्ररसेन थे ” इन्होनें षट्खंडागम के सूत्रों की रचना की है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वोपशमन – Sarvopashamana. Subsidence of all 28 Karmic Nature of delusion. मोहनीय कर्म की 28 प्रकृतियों का उदयाभाव करना । यह धर्मध्यान का फल है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्दि – Vishuddhi. A state of lack of passions. संक्लेश परिणामों की हीनता अथवा साता वेदनीय कर्म के बन्ध में कारणभूत विशुध्द परिणाम “
जम्बूवृक्षस्थल Region of Jambuvriksha (a super tree). जम्बूवृक्ष सामान्य स्थल ; ५०० योज.अन विस्तार युक्त है , मध्य में ८ योजन एवं किनारों पर २ कोस मोटा है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]