हरित (स्वर्ग)!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरित (स्वर्ग) – Harita (Svarga). Name of the 22nd patal (layer) of Saudharma heaven. सौधर्म स्वर्ग का 22 वां पटल। अपरनाम हारिद्र।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरित (स्वर्ग) – Harita (Svarga). Name of the 22nd patal (layer) of Saudharma heaven. सौधर्म स्वर्ग का 22 वां पटल। अपरनाम हारिद्र।
चक्षु Name of a deity of Manushottar mountain. मानुषोत्तर पर्वत का एक देव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हय राय – Haya Raaya. Destroyed passion, a high breed horse (both are called as auspicious symbols). हय राय शब्द का अर्थ हत राग भी है और उत्तम धोड़ा भी है, इन दोनो को रागद्वेष रहित सरल चित्त होने से लौकिक मंगल कहा गया है।
त्रिगुप्ति A vow (fasting) of 30 days with particular method. मन,वचन, काय की प्रवृत्ति को रोककर वश में रखना, यह संवर का एक कारण है। अनंतनाथ भगवान के पूर्व भव के पिता का नाम । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उद्यापन Vow completing ceremony. किसी व्रत के पूर्ण होने के पश्चात दानादि के साथ किया जाने वाला अनुष्ठान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हंसद्वीप – Hammsadviipa. Name of an island. एक द्वीप। यह लंका द्वीप के समीप था। राक्षवंशी अमररक्ष द्वारा बसाये गये 10 द्वीपो मे 5 वां द्वीप।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परद्रव्य ग्राहक नय: A type of standpoint related to the non existent nature of matters in view of Parchatushtaya.ऐसा नय जिसकी अपेक्षा से परचतुष्टय की अपेक्षा द्रव्य का नास्तित्व स्वभाव है।
त्रसदशक Ten types of particular Karmic nature (related to mobile beings-Trasa). त्रस , बादर, , पर्याप्त , प्रत्येक, स्थिर, शुभ, सुभग, सुस्वर, आदेय, यशः कीर्ति कर्म प्रकृतियाँ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वार्थ प्रमाण – Svaartha Pramaana. Authority (Praman) of self knowledge. प्रमाण के दो भेदो मे एक भेद, ज्ञानात्मक प्रमाण को स्वार्थ प्रमाण कहते हैै। श्रुतज्ञान को छोड़कर शेष 4 ंस्वार्थ प्रमाण है परन्तु श्रुतज्ञान स्वार्थ और परार्थ दोनो प्रकार का हैं। वचनात्मक प्रमाण परार्थ प्रमाण कहलाता है।
त्रैलोक्य दीपक A book written by Vamdeva. वामदेव (ई. 13-14) द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]