पृथिवि!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवि – Prthivi. Earth. धरती, पृथ्वी के चार भेद हैं- पृथ्वी, पृथ्वीकाय, पृथ्वीकायिक, पृथ्वीजीव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवि – Prthivi. Earth. धरती, पृथ्वी के चार भेद हैं- पृथ्वी, पृथ्वीकाय, पृथ्वीकायिक, पृथ्वीजीव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण (ज्ञान)- सम्यग्ज्ञान। Pramana (Jnana)- Right knowledge
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्राम्र – Sahasraamra. Forest of mango trees, the initiation & ommiscience forest of Lord Shantinath & Neminath. आम्रवृक्षों का वन, भगवान शांतिनाथ का दीक्षा एवं केवलज्ञान वन ।
दुषमा काल A period of 21000 years is called one Dushama Kal or misery period (presently this period is going on). अवसर्पिणी काल का 5 वां और उत्सर्पिणी काल का दूसरा भेद। इस काल का समय 21 हजार वर्ष का होता है (वर्तमान में यही काल चल रहा है।)।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रबाहू – Sahasrabaahoo. Father’s name of the 8th Chakravarti (emperor) Subhaum. 8 वें चक्रवर्ती सुभौम के पिता ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजाख्यान – जिनागम में कहे गए चार आख्यानों में लोकाख्यान, देवाख्यान, राजाख्यान, पुराख्यान में चैथा। इसमें राजा के अधीन देष और नगर आदि का तथा उसके प्रभाव क्षेत्र का वर्णन किया जाता है। Rajakhyana- One of the four exposition prescribed in a jaina scripture
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहसातिचार – Sahasaatichaara. Sudden inclination towards inauspicious thoughts & speech. अशुभवचन और अशुभ विचारो में वचन की और मन की तत्काल अविचार पूर्वक प्रवृत्ति होना, इसको सहसातिचार कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूढ संख्या – संख्या जो स्वयं से अथवा एक से भाजित होती हो। Rurha Samkhya-Prime number (Number which can be divide only by 1 or itself)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रामाण्य भंग- आचार्य अनन्तकीर्ति (ई.श. 8 मध्यपाद) द्वारा रचित एक ग्रंथ। PramanyaBhanga- A book written by acharyaAnantkriti
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोभद्रा – नन्दीष्वर द्वीप की उत्तर दिषा में स्थित एक वापी। Yasobhadra-name of a religious preceptor of Acharya Bhadrabahu-2