शरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरण – Sharana. Shelter, Refuge, Protection. सहारा, आश्रय, रक्षा ” शरण के दो भेद हैं-लौकिक अर्थात् राजा आदि की शरण एवं लोकोत्तर अर्थात् 5 परमेष्ठी या धर्म की शरण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरण – Sharana. Shelter, Refuge, Protection. सहारा, आश्रय, रक्षा ” शरण के दो भेद हैं-लौकिक अर्थात् राजा आदि की शरण एवं लोकोत्तर अर्थात् 5 परमेष्ठी या धर्म की शरण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परवर्ती:Successive, Subsequent.क्रम, वंश अथवा शाखा में होने वाले आचार्य आदि ।
चन्द्रप्रभचरित Name of books written by different Acharyas separately. आचार्य वीरनंदि (ई.९५०-९९९) कृत महाकाव्य, आचार्य श्रीधर (ई.श. १४) की प्राकृत रचना, आचार्य शुभचंद्र (ई. १५१६-१५५६) की संस्कृत रचना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्रव्यास्तिक नय Substantive standpoint. देखें – द्रव्यार्थिक नय। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्यसंयोगपद A special type of nomenclature associated with something. इभ्य, गौथ, दण्डी, छवी, गर्भिणी इत्यादि द्रव्यसंयोग पद नाम है क्योंकि धन, गूथ, दण्डा, छत्ता इत्यादि द्रव्य के संयोग से ये नाम व्यवहार में आते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भागफल्गु – Bhagaphalgu. Name of the 54th chief disciple of Lord Rishabhdev. तीर्थकर वृषभदेव के ५४ वें गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य उपयोग – Saamaanya Upayoga.. General perception, Another name of Darshanopyog. दर्शनोपयोग जो सामान्य अथवा सत्ता स्वभाव का ग्रहण करता है।
द्रव्य युति State of the unity of matters.समीपता या संयोग का नाम युति है जीवयुति, पुद्गलयुति और जीवपुद्गलयुति के भेद से द्रव्य युति तीन प्रकार की है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]