गोशीर्ष!
गोशीर्ष A mountain of Bharat Kshetra in Arya Khand (region). भरत क्षेत्र आर्यखण्ड का मलयगिरी के निकट स्थित एक पर्वत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गोशीर्ष A mountain of Bharat Kshetra in Arya Khand (region). भरत क्षेत्र आर्यखण्ड का मलयगिरी के निकट स्थित एक पर्वत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मटि्य – Mattiya. Living beings like centipede having number of legs. बहुत पैर जिस के रहते हैं ऐसा जो ‘कनखजूरा’ जैसा प्राणी हैं , उसे मटि्य कहतेहैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सम्यक् ज्ञान : == यथा यथा श्रुतमवगाहते, अतिशयरसप्रसरसंयुतमपूर्वम्। तथा तथा प्रह्लादते मुनि:, नवनवसंवेगश्रद्धाक:।। —समणसुत्त : २४७ जैसे—जैसे मुनि अतिशय रस के अतिरेक से युक्त अपूर्वश्रुत का अवगाहन करता है, वैसे—वैसे नित—नूतन वैराग्ययुक्त श्रद्धा से आह्लादित होता है। सूची यथा ससूत्रा, न नश्यति कचवरे पतिताऽपि। जीवोऽपि तथा ससूत्रो, न…
चन्दन कथा A book written by Acharya Shubhchandra-5. आचार्य शुभचन्द्र -५ (ई. १५१६-१५५६) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समंतभद्र – Samantabhadra.Name of great Acharya, the writer of Svayambhu Stotra, Tattvanushasan, Ratnakarandashravaka-chr etc. many great treatises. आचार्य सिद्वसेन के उत्तरवर्ती एक आचार्य। स्वयम्भू स्तोत्र, स्तुति विद्या, देवागम स्तोत्र, युक्त्यानुशासन, तत्वानुशासन, जीवसिद्वि, प्राकृत व्याकरण, रत्नकरण्डश्राावकाचार आदि अनेक ग्रंथो के रचयिता संस्कृत कवि, वादी, वाग्मी, गमक, तार्किक आदि उपाधियो से समन्वित एक प्रसिद्व आचार्य।
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] == धर्मचरण : == जरा यावत् न पीडयति, व्याधि: यावत् न वद्र्धते। यावदिन्द्रियाणि न हीयन्ते, तावत् धर्मं समाचरेत्।। —समणसुत्त : २९५ जब तक बुढ़ापा नहीं सताता, जब तक व्याधियां (रोगादि) नहीं बढ़ती और इन्द्रियाँ अशक्त अक्षम) नहीं हो जातीं, तब तक (यथाशक्ति) धर्माचरण कर लेना चाहिए क्योंकि बाद में अशक्त एवं असमर्थ…
गृहिमूलगुणाष्टक 8 basic restraints of householders. गृहस्थ के ८ मूलगुण; ५ अनुव्रतों का पालन, मद्य, मांस, न्मधू का त्याग (रत्नकरण्ड के अनुसार)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मघा – Magha. Name of a lunar. एक नक्षत्र ” तीर्थं कर सुमतिनाथ का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था “
गुप्त वंश Dynasty of Gupt’s. चंद्रगुप्त से ब्स्कंदगुप्त भानुगुप्त तक चलने वाला वंश , समय – ई.३२०-507।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिभद्र – Namdibhadra A great saint whose another name is ‘Nandivardhana’. एक चरण ॠदधिधारी मुनि, इनका अपरनाम नंदिवर्धन है ”