धारावाहिक ज्ञान!
धारावाहिक ज्ञान Continuous contemplation of anything. किसी विषय विशेष का श्रृंखलाबद्ध ज्ञान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धारावाहिक ज्ञान Continuous contemplation of anything. किसी विषय विशेष का श्रृंखलाबद्ध ज्ञान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आहारपर्याप्ति नामकर्म Complete development of body after trans-migration. आहार वर्गणा के परमाणुओं को खल व रसभाग रूप परिणामावने के कारणभूत जीव की शक्ति की पूर्णता।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य प्रत्यय – Bahya Pratyaya. External causes for passions. क्रोधादि रूप भाव कषाय कि उत्पति के कारण भूत जो जीव और अजीव रूप बाह्य द्रव्य है वह बाह्य प्रत्यय हैं “
धातकीखंडसिद्ध Beings who get salvation from Dhatkikhand (island). धातकीखंड द्वीप से सिद्ध होने वाले जीव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्रा लिंग – Bahya Limga. External emblem or marks. बाहरी चिन्ह, दिगम्बरत्व “
धर्मशर्माभ्युदय Name of two books (1) written by poet Asag (2) written by poet Harichand. कवि असग (ई. 988) कृत धर्मनाथ तीर्थंकर चरित, कवि हरिचन्द (ई. 10 का मध्य) कृत एक संस्कृत काव्य। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उत्पाद Product, origination of any matter into new existence. द्रव्य का अपनी पूर्व अवस्था को छोड़कर नवीन अवस्था को प्राप्त करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरीह – Nireeha. Desireless, Submissive. इच्छा रहित होना, उदासीन “