द्रव्य!
द्रव्य Matter, Substance, Reality. गुण और पर्याय का समूह या जो उत्पाद, व्यय और ध्रौव्य से युक्त है उसे द्रव्य कहते हैं। द्रव्य 6 होते हैं – जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्रव्य Matter, Substance, Reality. गुण और पर्याय का समूह या जो उत्पाद, व्यय और ध्रौव्य से युक्त है उसे द्रव्य कहते हैं। द्रव्य 6 होते हैं – जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दोष निर्घातन विनय Reverence causing eradication of passions. दोष को नाश करने वाली विनय।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == माया : == सच्चाण सहस्साण वि, माया एक्कावि णासेदि। —भगवती आराधना : १३८४ एक माया हजारों सत्यों का नाश कर डालती है। माया तैर्यग्योनस्य। —तत्त्वार्थ सूत्र : ६-२७ माया तिर्यंच योनि को देने वाली है। (तिर्यंच माया के कारण ही बांके होकर चलते हैं।)
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मसेन – Brahmasena. Name of the preceptor of Acharya Veersen. आचर्य वीरसेन के गुरु तथा जयसेन जी के शिष्य (ई. १०१३ ) का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेदज्ञान:Discriminating science (knowledge).जीवादि सातों तत्वों में सुखादि की अर्थात् स्व तत्व की स्वसंवेदनगम्य पृथक् प्रतीति होना ” अथवा स्व पर पदार्थो का यथार्थ ज्ञान होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भृंगनिभा:Name of a vapi(like large lake) of sumeru mountain. सुमेरु के नन्दनादि वनों मेंस्थित एक वापी (बावड़ी) ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव पुद्ग्ल – Vibhava Pudgala. Assimilated particles of any pudgal (matter). पुद्ग्ल द्रव्य की दो भेदों में एक भेद; परमाणु ‘स्वभाव पुद्ग्ल’ और स्कंध ‘विभाव पुद्ग्ल’ हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सामायिक : == तस्स सामाइयं होइ, इइ केवलिभासियं।। —अनुयोगद्वार सूत्र : १२७ जिसकी आत्मा संयम में, नियम में एवं तप में सन्निहित (तल्लीन) है, उसकी सच्ची सामायिक होती है, ऐसी केवली भगवान् ने कहा है। जो समो सव्वभूएसु, तसेसु थावरेसु अ। तस्स सामाइयं होइ, इह केवलिभासिअं।। —अनुयोगद्वार सूत्र…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्तिलकचंपू–Yashastilakchampu. Name of a composition composed by Acharya Somdev. आचार्य सोमदेव द्वारा ई.943–968 में रचित संस्कृत भाषाबद्ध चंपू काव्य जिसमे यशोधर महाराज का जीवन चित्रित किया गया है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] म्रत्युंजय यंत्र–Mratyunjay. A type of metallic plate engraved with some auspicious mystic words. 48 यंत्रों में एक; जिसमे मृत्तिका नयन मन्त्र के अक्षर, शब्द मंत्रो की रचना कोष्ठक आदि बनाकर चित्रित की गयी है”