बन्ध सान्त!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बन्ध सान्त- जि कर्म प्रकृतियों का बंणना आगे के लिए रुक गया है। Bandha Santa- binding of karmas with end
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बन्ध सान्त- जि कर्म प्रकृतियों का बंणना आगे के लिए रुक गया है। Bandha Santa- binding of karmas with end
ताड़पत्र Palm leaf, leaves of Palm tree (used for writing scriptures in ancient times). ताड़वृक्ष के पत्ते , जो प्राचीन काल में लिखने के काम आते थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तमोबाण Dark night, a night during the wane of the moon, A cave of the Vijayardh mountain. अंधकार का प्रसार करने वाला बाण , इसे भास्कर बाण से प्रभावहीन किया जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आत्मरक्ष Deities like body guards. वे देव जो अंगरक्षक के समान हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तपोनिधिव्रत A vow of fasting for 1057 days with particular procedure. एक व्रत का नाम जिसमें 1057 दिन विधि पूर्वक व्रत किये जाते हैं। विशेष देखें – हरिवंशपुराण ग्रंथ में।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तन्मनोहरांगनिरीक्षण त्याग Renunciation of watching the beauty of women. ब्रहाचर्य व्रत की दूसरी भावना स्त्रियों के मनोहर अंगों को देखने का त्याग। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बद्ध्यमान आयु- आगामी जिस आयु का बन्ण किया हो वह बद्ध्यमान आयु कहलाती है। Baddhyaman Ayu- Age that has been bound for the next birth
तदुभय प्रत्ययिक जीव बंध Sentiments devolped through the fruition & prematured fruition of karmas. जीव भाव बंध का एक भेद कर्मां के उदय और उदीरणा से तथा उनके उपशम से जो भाव उत्पन्न होते हैं (अर्थात् जीव के क्षयोपशमिक भाव)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्यात – Sankhyaata. Finite counting. दो को आदि लेकर गणना (गिनने योग्य संख्या) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रसाद – मन में निर्मल भाव लेन वाली वास्तु अनुग्रह कृपा पवित्र द्रव्य Prasada- Propitiatory offering a gift, boon, blessing, sacred materials