वृष्य!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृष्य –Vrsya. Intoxication food or passion stirring liquids. अभिषय या कामोद्दीपक रस “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृष्य –Vrsya. Intoxication food or passion stirring liquids. अभिषय या कामोद्दीपक रस “
आश्चर्य पंचक Five auspicious omen (good occurrences). पंचाश्चर्य-रत्नवृष्टि, देव दुंदुभि मंद सुगंधित वायु प्रवाह, जय जयकार की ध्वनि यह तीर्थंकर एंव अन्य विशिष्ट महामुनियों के आहार के समय देवों द्वारा की जाती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्मूढ़ – Nirmoorha. One rational, who is capable of knowing the super soul of Self. मूढ़ता रहित; निजपरमतत्त्व को जानने में समर्थ होना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृदंगमध्य व्रत–Mradngmadhya Vrat. A particular type of fasting. एक व्रत जिसमे क्रमशः 2,3,4,5,4,3,2 उपवास एवं बीच के खली दिनों में पारणा कीजाती है” इसमें23 उपवास 7 पारणाएँ की जाती है”
आशा Hope, Desire, A female divinity of Ruchaka mountain. उम्मीद चाह रूचक पर्वत निवासी दिक्कुमारी देवी। [[श्रेणी:शब्दकोष]] [[श्रेणी: पुत्री]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्निमेष दृष्टि – Nirnimesha Drishti. Unwinking eyes; an excellence of Loed Arihant. पलक झपकनेका अभाव; अर्हत भगवान के केवलज्ञान के 11 अतिशियोंमें एक “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीपाल – Prthivipala. Name of the writer of ‘Shrut Panchami Rasa’, Name of a Pandit. पानीपत का निवासी था, वि. १६९२ में श्रुत पंचमी रास की रचना की, एक पंडित; व्रत कथाकोष छंद के कर्ता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य कारण – Bahya Karana. External cause. कार्य सिध्द में निमित्तभुत बाहरी कारण जिसके होने पर कार्य की सिध्द अवश्यंभावी नहीं है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवाननुगामी – Bhavananugami. A type of clairvoyance (not remains with one in next birth). अननुगामी अवधिज्ञान का एक भेद; जो भवान्तर के साथ नहीं जाता , क्षेत्रान्तर में ही साथ जाता है “