देवत्रिक!
देवत्रिक Triplet of Karmic nature related to celestial body form . देवगति , देवायु , देवगत्यानुपूर्वी[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवत्रिक Triplet of Karmic nature related to celestial body form . देवगति , देवायु , देवगत्यानुपूर्वी[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवर – Vivara. The opening, cracks, holes, The big holes in the bottom of Lavan ocean celled as patal (Lower world). दरार, छिद्र, अंतराल, स्थान, अवकाश, लवण, समुद्र की तली में स्थित बड़े –बड़े खड, जिन्हें पाताल भी कहते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मोत्तर (पटल) – Brahmottara (Patala). Name of the 4th Patal (layer) and Indrak Viman of Brahma. ब्रह्म स्वर्ग का चौथा पटल व इंद्रक विमान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वचतुष्टय – Svacatustaya. A quartel related to the nature of matter.द्रव्य के स्वभाव भूत द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव स्वचतुष्टय है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचारी – Brahmacari. A celibate. ब्रह्मचर्य व्रत को परिपूर्ण रूप से पालन करने वाला “
जयपुर Name of a city of Bharat Kshetra (region). भरतक्षेत्र का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्वाद – Syaadvaada. A doctrine of many fold standpoints or possibilities in describing a matter.अनेकान्तमयी वस्तु का कथन करने की पद्वति स्याद्वाद है अथवा स्यात् का अर्थ है सापेक्षा या कथंचित् एवं वाद का अर्थ है कथन, अतः अनेक धर्मात्मक वस्तु के प्रत्येक धर्म का सापेक्ष रुप से कथन करने की शैली का नाम…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावकाय – Bhava Kaya. Renouncement of bodily attachment. गुप्ती; कायगत ममता रूप परिणाम का त्याग करना भावकाय गुप्ती है “
जनपद A territory of a country, a populated place. देश का एक आबाद भाग ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादनेकत्व – Syaadanekatva. To have different characteristics in a matter (in some aspect).एक ही द्रव्य मे अनेक स्वभावो की उपलब्धि होना इससे द्रव्य कंथचित् अनेक स्वभावी कहलाता है।