सर्वज्ञत्व!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वज्ञत्व – Sarvagyatva. State of omniscience. त्रिकालवर्ती गुण पर्यायों से संयुक्त समस्त लोक और अलोक को प्रत्यक्ष जानना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वज्ञत्व – Sarvagyatva. State of omniscience. त्रिकालवर्ती गुण पर्यायों से संयुक्त समस्त लोक और अलोक को प्रत्यक्ष जानना।
चित्रांगदा Name of the chief disciple of Arjun. अर्जुन का प्रधान शिष्य।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग सम्यग्दृष्टि – Saraaga Samyagdrshti. One having right perception with auspicious attachments. शुद्वात्म भावना से च्युत होकर शुभराग के योग से सहित सराग सम्यग्दृष्टि होते है। इसे व्यवहार सम्यक्तव कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथी – राजाओं के पाच भेदो में से एक भेद, ये भेद हैं – अतिरथ, महारथ, समरथ, अध्र्र्र्र्थ, रथि। Rathi-A great warrior
चारित्रसार A book written by Chamundaray. चामुण्डराय (ई.श. १०-११) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सयलविहिविहाण – Sayalavihivihaana. Name of book in Apabransh language written by Naynandi. नयनंदि द्वारा (ई. 1043) कृत अप्रभंष भाषाबद्व श्रावकाचार।
चारित्रभक्ति A composition written by Kundkund-Pujyapad Acharya. श्री कुंदकुंद एवं पूज्यादि आचार्य कृत संस्कृत -प्राकृत की १० भक्तियों में एक भक्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष स्वामित्व विधान – Sparssana Svaamitva Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
इंगिनी(मरण) A type of holy death, Voluntary death. सल्लेखना का एक भेद शास्त्रविधि पूर्वक क्रमशः आहार का त्याग करके स्वाश्रित रहकर दूसरे के द्वारा वैयावृत्ति आदि नहीं कराते हुए समाधि ली जाती है इस प्रकार की सल्लेखना उत्तम संहनन के धारी लेते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेषसम श्रोता–Meshsam Shrota. A type of silly listener. श्रोता का एक प्रकार, जो मेढ़े के समान टकटकी लगाकर देखते हुए सुनता है किन्तु अज्ञानतावश कुछ ग्रहण नहीं कर पाता”