एकपाश्र्वशययासन!
एकपाश्र्वशययासन An austerity, sleeping with the single posture. किसी एक करवट से सोना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकपाश्र्वशययासन An austerity, sleeping with the single posture. किसी एक करवट से सोना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
द्रविड़ देश A region of south India, associated with Acharya Kund-Kund. दक्षिण प्रांत का एक भाग, जिसमें आचार्य कुन्दकुन्द हुए।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेणिक – Shrenika. A Buddha king of Magadh country, who became Jaina later on, and ultimately became chief listener in the Samavsharan of Lord Mahavira, and he will be the first Teerthankar (Jaina-Lord) of future time. राजा उपश्रेणिक के पुत्र का नाम, मगध देश के राजा ” पहले बोद्ध थे बाद में अपनी रानी…
दोलायित An infraction of meditative relaxation (mental & bodily fluctuation). कायोत्सर्ग का एक अतिचार; हिंडोले दउकी भांति शरीर का अथवा मन का डोलना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतग्रंथकृति – Shrutagranthakriti. The treatises with appropriate meanings. शब्द संदर्भ रूप अक्षरकाव्यों द्वारा प्रतिपाद्य अर्थ को विषय करने वाली जो ग्रंथरचना की जाती है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विद्या : == सम्यगाराधिता विद्यादेवता कामदायिनी। —आदिपुराण : १६-९९ विद्या देवता की सम्यग्—सही विधि से आराधना करने पर वह समस्त इच्छित फल प्रदान करती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीवर्द्धन – Shreevardhana. The past-birth soul of omniscient Sanjayant. संजयंत केवली के पूर्वभव का जीव ” यह कुमुदावती नगरी का राजा था “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रचुरसंख्यक – Prachura Samkhyaka. Abundant in numbers. अधिक संख्या में “
उपाध्याय जिन्हें ग्यारह अंग और चौदह पूर्वों का या उस समय के सभी प्रमुख शास्त्रों का ज्ञान है मुनि संघ में साधुओं को पढ़ाते हें, वे उपाध्याय [[परमेष्ठी]] कहलाते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]] या Preceptor, Scriptural teacher . रत्नत्रय से संयुक्त जिनकथित पदार्थों के शूरवीर उपदेशक और निःकांक्ष भाव सहित ऐसे मुनिराज।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भिन्नपुर्वित्व ऋध्दी – Bhinnapurvitva Rddhi. A type of super natural power. एक प्रकार की ऋद्धि ” बुद्धि ऋद्धि के दशपुर्वित्व के दो भेदों में एक भेद “