निशेधसाधक हेतु!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निशेधसाधक हेतु – Nishedhsaadhak Hetu. Reason pertaining to negation. वह हेतु जो किसी बात का अभाव सिद्ध करे “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निशेधसाधक हेतु – Nishedhsaadhak Hetu. Reason pertaining to negation. वह हेतु जो किसी बात का अभाव सिद्ध करे “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषद्य – Nishadya. After being seated, Dead body of a saint. बैठकर, साधु का मृत शरीर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय संयम – Nishchaya Sanyama. Absolute restraint. सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र में परिणत आत्मा में आत्मनिष्ठता होना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाल्मली वृक्ष – Shalmali Vriksha. The silk-cotton tree, this kind of natural trees are found in the south of Sumeru mountain in each of jambudvip, dhatkikhanddvip & Pushkarardhadvip. सेमल (रुई) का वृक्ष; अकृत्रिम जम्बूद्विप रचना के अन्दर सुमेरु पर्वत की दक्षिण दिशा में देवकुरु भोगभूमि में स्थित पृथ्वीकायिक एक अकृत्रिम वृक्ष ” हस्तिनापुर में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय प्रभावना – Nishchaya Prabhaavanaa. Enlightening the soul by the influence of right belief-knowledge & conduct. मुनि अवस्था में सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चरित्र रूप रत्नत्रय के प्रभाव से आत्मा को प्रकाशमान करना “
द्रव्यतीर्थ Place of pilgrimages. तीर्थंकरों की कल्याणक भूमियाँ, सिद्धक्षेत्र, अतिशयक्षेत्र आदि जिनकी वंदना – अर्चना संसार से तिरने में सहायक होती है। जैसे- अयोध्या, सम्मेदशिखर, कुण्डलपुर आदि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] तीर्थंकरों के पंच कल्याणकों से एवं महापुरुषों के तप- त्याग से पवित्र स्थलों को द्रव्यतीर्थ कहते हैं ।इस द्रव्यतीर्थ को जैन शास्त्रों में तीन भागों में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक संगति –Laukika Sangati : Worldly relationship . लौकिक जनों का संसर्ग या सांसारिक असंयमी जनों की संगति “संयमीजनों के लिए असंयमीजनों की संगति निषिद्ध मानी गई है
उपालंभ Censure, Expression of disapproval . प्रतिषेध दुर्वचन उलाहना स्थगित करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]