भाव सल्लेखना!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सल्लेखना – Bhava Sallekhana. Auspicious and holy death with destruction of passions. राग, द्वेष और मोह से रहित होकर मृत्यु को प्राप्त करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सल्लेखना – Bhava Sallekhana. Auspicious and holy death with destruction of passions. राग, द्वेष और मोह से रहित होकर मृत्यु को प्राप्त करना “
द्वैधीभाव Dual nature as a virtue of king. राजा का एक गुण शत्रुओं में यथावश्यक संधि और विग्रह करा देना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधिक जघन्य – Saadhika Jaghanya. Some more than lowerst. जघन्य से कुछ अधिक ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ तत्व:Another name of ‘Shuddopayog (supreme ele-ment).शुद्वोपयोग का अपरनाम ।
द्वींद्रिय जाति नामकर्म A Karmic nature causing birth in the form of two sensed beings. वह कर्म प्रकृति जिसमें द्वींद्रिय जाति प्राप्त हो जैसे- शंख, सीप इत्यादि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादिबंधी प्रकृति – Saadibamdhee Prakrteei. A type of karmic nature with having property of rebinding. सम्यग्दर्शन को प्राप्त करने के उपरांत जो जीव गिरकर पुनः मिथ्यादृष्टि हो जाता है उसे सादि-मिथ्यादृष्टि कहते है।
फ The 22nd consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का बाईसवाँ व्यंजन, इसका उच्चारण स्थान ओष्ठ है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ऊहापोह Uncertainty, In-decision. हेतु का लक्षण अनिश्चय की स्थिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सागर सिद्व – Saagara Siddha. Beings to be salvated from ocean. समुद्र से सिद्व होने वाले जीव, ये स्तोक होते है।
ऊर्जयंत Called Girnar mountain in Junagarh of Saurashtra. गिरनार पर्वत जहाँ से श्री नेमिनाथ तीथंकर एंव शम्बू अनिरूध प्रद्युम्न सहित 72 करोड़ मुनि मोक्ष गये।[[श्रेणी:शब्दकोष]]