वृष्यरससेवा!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृष्यरससेवा –VrsyarasaSevaa. Taking nutritious spicy food causing excitement. अब्रम्ह के १० भेदों में एक भेद ; पौष्टिक आहार का ग्रहण करना, जिससे बल ओ वीर्य की वृद्धि हो
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृष्यरससेवा –VrsyarasaSevaa. Taking nutritious spicy food causing excitement. अब्रम्ह के १० भेदों में एक भेद ; पौष्टिक आहार का ग्रहण करना, जिससे बल ओ वीर्य की वृद्धि हो
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीपाल – Prthivipala. Name of the writer of ‘Shrut Panchami Rasa’, Name of a Pandit. पानीपत का निवासी था, वि. १६९२ में श्रुत पंचमी रास की रचना की, एक पंडित; व्रत कथाकोष छंद के कर्ता “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोवर्गणा – Manovargana. See – Manodravyavarganaa. देखें – मनोद्रव्यवर्गणा “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवाननुगामी – Bhavananugami. A type of clairvoyance (not remains with one in next birth). अननुगामी अवधिज्ञान का एक भेद; जो भवान्तर के साथ नहीं जाता , क्षेत्रान्तर में ही साथ जाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावस्तवन – Bhavastavana. Eulogical praising of Lord Jinendra. जिनेन्द्र भगवान के गुणों का स्मरण करना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मार्दव : == कुलरूवजादिबुद्धिसु, तवसुदसीलेसु गारवं किंचि। जो णवि कुव्वदि समणो, मद्दवधम्मं हवे तस्स।। —समणसुत्त : ८८ कुल, रूप, जाति, बुद्धि, तप, श्रुत और शील का जो श्रमण थोड़ा—सा भी गर्व नहीं करता, वह मार्दव धर्म से संपन्न हुआ करता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विदारण क्रिया – Vidarana Kriya. Exposing others’ sinful activities. साम्परायिक आस्रव की १८ वीं क्रिया ” दुसरे ने जो सावध कार्य किया हो उसे प्रकाशित करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्य प्रतिमा – Brahmacarya.Pratima. Seventh model stage of celibacy of Jaina lay- follower. श्रावक की सातवीं प्रतिमा; इसमें श्रावक स्त्रीमात्र का त्याग होकर पूर्ण ब्रह्मचर्य से रहता है ” इसका धारक श्रावक अपने पुत्र – पुत्रियों के विवाह के अतिरिक्त अन्य किसी के विवाह की अनुमोदना नहीं करता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहुबलिसागर – Bahubalisagara. Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Deshbhusha Maharaj. आचार्यश्री देशभूषण महाराज के एक प्रसिध्द शिष्य (ई.श.२०-२१ ) ” इनकी प्रेरणा से हरियाणा प्रांत में सिध्दांत तीर्थ का निमार्ण हुआ है “