भाव स्त्री!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्त्री – Bhava Stri. Psychical female one. स्त्री वेद के उदय से पुरुष की अभिलाषा रूप मैथुन संज्ञा का धारक जीव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव स्त्री – Bhava Stri. Psychical female one. स्त्री वेद के उदय से पुरुष की अभिलाषा रूप मैथुन संज्ञा का धारक जीव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकुर्वी – Prakurvi. Great Acharya having great patience in serving Kshapaks (saints at the stage of mortification I.e. Samadhi). क्षपक की सर्व प्रकार शुश्रूषा करते हुए अधिक परिश्रम पड़ने पर भी जो आचार्य खिन्न नहीं होते हैं, ऐसे आचार्य “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्दावण – Viddavana. Rending or splitting the body organs of beings for trade. प्राणियों के छेदन आदि का व्यापार विद्दावण कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेदवाद:Principle of analysing something with its different properties. वस्तु को गुण, पर्याय, लक्षण आदि की अपेक्षा ग्रहण करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भग्नावशेष – Bhagnavasesa. Ruins, broken remains. टूटे हुए अवशेष “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावासन्न – Bhavasanna. Impure saint. जो साधु चारित्र से भ्रष्ट होकर सिध्द मार्ग की अनुयायी क्रियाएं करता है तथा असंयत जनों की सेवा करता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भूमिस्पर्श:A type of fault related to saint food (touching the land by hands).साधु का आहार संबंधी एक अन्तराय; हाथसेभूमि को छूना।
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == गुरु—विराधना : == यस्य गुरौ न भक्ति:, न च बहुमान: न गौरवं न भयम्। नापि लज्जा नापि स्नेह:, गुरुकुलवासेन किं तस्य ? —समणसुत्त : २९ जिसमें गुरु के प्रति न भक्ति है, न बहुमान है, न गौरव है, न भय (अनुशासन) है, न लज्जा है तथा न स्नेह है, उसका…
ऐश्वर्य मद Puff or pride of prosperity. 8 मदों में एक मद, धन सम्पत्ति आदि का घमंड।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूमिसंस्तर – Bhumisamstara. A suitable land base related to the Samadhi of a Jaina saint. संस्तर के ४ भेदों में एक भेद; जो जमीन मुदु नहीं है, जो छिद्र रहित, प्राणी रहित, प्रकाश युक्त, हो एवं क्षपक के देहप्रमाण और गुप्त हो “