चातुर्दीपिक भूगोल!
चातुर्दीपिक भूगोल The name of an ancient composition of geography. एक भूगोल जो रायकृष्णदास जी के लेख के अनुसार वैदिक धर्मं में मान्य सप्तद्वीपिक भूगोल से अधिक प्राचीन है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चातुर्दीपिक भूगोल The name of an ancient composition of geography. एक भूगोल जो रायकृष्णदास जी के लेख के अनुसार वैदिक धर्मं में मान्य सप्तद्वीपिक भूगोल से अधिक प्राचीन है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुष्टयी वृत्ति Four uses of money (acquisition, saving or protection, growth, expenses). अर्थ की ४ वृत्तियाँ -अर्जन ,रक्षण ,वर्धन ,व्यय ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग छद्मस्थ – Saraaga Chhadmastha. Souls at the 4th to 10th stage of spiritual development. छद्मस्थ के दो भेदो मे एक भेद। चौथे से दसवें गुणस्थान वाले जीव सराग छद्मस्थ कहलाते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यज्ञोपवीत–Yagyopavit. Sacred thread (used for sanctifying or purificatory rites). एक संस्कार; चक्रवर्ती भरत ने 11 प्रतिमाओ के विभाग से वृतो के चिन्ह स्वरुप एक से लेकर 11 तार के सूत्र व्रतियो को दिये थे, जनेऊ; रत्नत्रय एवं सात परम स्थानो का सूतक 3 व 7 तारो का सूत्र” सभी पूजन–दान आदि क्रियाओ में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्निग्धत्व – Snigdhatva. Greasiness, lubricity, smoothness.परमाणु बंध का एक कारण। देखे- स्निग्ध गुण।
दुष्टनिग्रह To punish the corrupted, wicked or vicious persons. दुष्टों को दंड देना(राजा या क्षत्रिय का एक कत्र्तव्य)। [[श्रेणी:शब्दकोष ]]
चलाचल Movables and immovables (reg. all beings). संसारी जीव के चालित , अचलित , चलिताचलित प्रदेशों में तीसरा भेद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष भागाभाग विधान – Sparssana Bhagaabhaaga Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
देव God, Deity, Celestials. देव शब्द का प्रयोग अर्हंत व सिद्ध भगवन्तों के लिए तथा देवगति में जन्म लेने वाले संसारी जीवों के लिए होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]] या Name of an Acharya possessing knowledge of 11 Angas and 10 Purvas. भद्रबाहु प्रथम (श्रुतकेवली) के पश्चात् दसवें आचार्य जो 11 अंग व 10 पुर्व…