बारह!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बारह- 12; 12 अंग रुप श्रुतज्ञान, 12 अनुप्रेक्षा आदि। Baraha- Twelve (12 part of scriptural knowledge etc)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बारह- 12; 12 अंग रुप श्रुतज्ञान, 12 अनुप्रेक्षा आदि। Baraha- Twelve (12 part of scriptural knowledge etc)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यौवराज्य क्रिया – गर्भान्वय की 53 क्रियाओ में एक क्रिया, इसमें युवराज को अभिशेक राजपटट् वाधा जाता है। Yauvarajya Kriya-An auspicious activity of enthronement
हुण्डावसर्पिणी काल- असंख्यात अवसर्विणी- उत्सर्पिणी काल की शलाकाओं के बीत जाने पर प्रसिद्ध एक हुण्डावसर्पिणी आती है उसके चिन्ह है- विकलेन्द्रिय जीवो की उत्पत्ति अधिक होती है। इस काल में कल्प वृक्षों का अन्त और कर्मभूमि का व्यापार प्रारम्भ हो जाता है चक्रवर्ती की विनयभंग 58 ही श्लाका पुरुष उत्पन्न होते है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नकरंडश्रावकचार – आचार्य समन्तभद्र ं(इ्र, ष, 2) कृत एक संस्कृत ग्रंथ Ratnakaramdasravakacara-Name of a treatise written by Acharya Samantbhadra
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघंकरी– Meghankari. The female divinity of Nanadankut (a summit) of Nandan forest. नन्दनवन के नन्दंकुट कीस्वामिनी एक दिक्कुमारी देवी”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर सांपराय – स्थूल कषायो को बादर साम्पराय कहते है ” अनावृतिकरण गुणस्थान का अपरनाम ” Badara Sampraya- Gross passions
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सचित्त पाहुड़ – Sachitta Paahura. Animate gifts (pertaining to living objects). निक्षेप रूप पाहुड़ का एक भेद; उपहार रूप से भेजे गये हाथी, घोडा और स्त्री आदि सचित्त पाहुड़ है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रहारसंक्रामिणी विधा- एक मन्त्र विधा। धरणेन्द्र द्वारा नमि और विनमि को प्रदतत लोकहितकारिणी एक विधा। Praharasamkramini Vidya- A type of magical power of mystic word
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रौद्र – हिंसा व क्रूरता का कर्म व इसमें होने वाला भाव, काव्य के 9 रसों में एक रास। Raudra-violent, passion fearsome a literary sentimental form of poem
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्यात गुणवृद्धि – Sankhyaata Gunavriddhi. Multiplicative increase in numbers. किसी संख्या का संख्यात गुणा किसी में बढ़ाना “