पदार्थ श्रद्धान!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदार्थ श्रद्धान: Real & right belief in all 9 mattars सम्यग्दर्शन हिंसादि रहित धर्म, अठारह दोष रहित आप्त, निग्र्रन्थ प्रवचन व गुरू में श्रद्धान रखना । 9 पदार्थो के यथार्थ श्रद्धान से सम्यग्दर्षन होता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदार्थ श्रद्धान: Real & right belief in all 9 mattars सम्यग्दर्शन हिंसादि रहित धर्म, अठारह दोष रहित आप्त, निग्र्रन्थ प्रवचन व गुरू में श्रद्धान रखना । 9 पदार्थो के यथार्थ श्रद्धान से सम्यग्दर्षन होता है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == गुणस्थान : == यैस्तु लक्ष्यन्ते, उदयादिषु सम्भवैर्भावै:। जीवास्ते गुणसंज्ञा निर्दिष्टा: सर्वर्दिशभि:।। मिथ्यात्वं सास्वादन: मिश्र:, अविरतसम्यक्त्व च देशविरतश्च। विरत: प्रमत्त: इतर: अपूर्व: अनिवृत्ति: सूक्ष्मश्च।। उपशान्त: क्षीणमोह: संयोगिकेवलिजिन: अयोगी च। चतुर्दश गुणस्थानानि च, क्रमेण सिद्ध: च ज्ञातव्या।। —समणसुत्त : ५४६-५४८ मोहनीय आदि कर्मों के उदय आदि (उपशम, क्षय, क्षयोपशम आदि)…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूर्यग्रहण – Suryagrahana. Solar eclips. जैन भूगोल के अनुसार सूर्य और पृथ्वी के बीच में केतु ग्रह का मिान आ जाने पर सूर्य का ढॅंक जाना सूर्यग्रहण कहलाता है। यह प्रत्येक छह महीने में अमावस्या के दिन होता है। सूर्यग्रहण के समय कोई शुभ कार्य नही किये जाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच अतिचार – Pancha Atichaar. Five kinds of infractions related to vows. पाँच दोष, प्रत्येक व्रत के पांच-पांच अतिचार “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदधन: Sum of progression. सर्वधन, अगल-अलग पदों को जोडने पर प्राप्त प्रमाण ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर ज्ञानोदय ग्रंथमाला –ViraJnanodayaGrarnthamala Name of alarge Jain Granthmala(publishing centre)established in the year 1972 on the inspiration of GaniniShriGyanmatiMataji at Jambudvip – Hastinapur (Meerut). U.P. it is managed by ‘Digambar Jain TrilokShodhSansthan’ and nuber of jain treatises have been published and are being published form here. See the list of its all…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूत्रवचन – SutraVachana. Scriptural facts. आगम वचन या आगम प्रमाण ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पीपल – Pipala. Name of a initiation tree of Lord Anantnath, A type of figs, non-edible according to Jainology. अनन्तनाथ भगवान के दीक्षा वृक्ष का नाम, ५ उदम्बर फलों में एक फल का नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पताका:Flag fixed on the summit of a temple. जन मन्दिरों में लगाई जाने वाली विजयी ध्वजा ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विषयाधीन – Vishayadhina. Worldly sensual pleasures, ultimately causing trouble. लौकिक सुख, इन्द्रिय विषयक या इन्द्रियों से उत्पन्न होने वाला सुख जो सुखाभास है तथा जिसका परिणाम दुःखरूप होता है “