रूचिर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूचिर – रूचक पर्वत पर स्थित एक कूट, सौधर्म एषान स्वर्ग का 16 वां पटल व इन्द्रक। Rucira-Name of a summit of ruchak mountain, name of the 16th Patal (layer) and Indrak of Eshan heaven
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूचिर – रूचक पर्वत पर स्थित एक कूट, सौधर्म एषान स्वर्ग का 16 वां पटल व इन्द्रक। Rucira-Name of a summit of ruchak mountain, name of the 16th Patal (layer) and Indrak of Eshan heaven
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिथ्या श्रुतज्ञान–Mithya shrutagyan. False scriptural knowledge. मिथ्यादर्शन के उदय के साथ श्रुतज्ञान मिथ्या श्रुतज्ञान कहलाता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नसंचय – विजयार्घ की दक्षिण श्रेणी एवं पष्चिम विदेह क्षंेत्र के नगर का नाम Ratnasancaya- Name of a city situated in Southern Vijayardh Mountain & city of western videh region
[[श्रेणी : शब्दकोष]] माणिक्यनंदि – Manikyanamdi. Name of the disciple of Ratnanandi and pre-cepter of Magehchandra, and the disciple of Acharya Ramnandi. नंदिसंघ बलात्कारगण में रत्ननन्दी के शिष्य तथा मेघचंद्र के गुरु (ई. सं. ६६३-६७९), आचार्य रामनंदी के शिष्य परीक्षामुख सूत्र के कर्ता आचार्य (ई. स. १००३-१०२८) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेद पक्ष:Acceptance of something with alternative viewpoints. द्रव्य को गुण व पर्याय की अपेक्षा ग्रहण करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नप्रभा – अघोलोक की प्रथम भूमि,रूढि का नाम घम्मा है। यह एक लाख 80 हजार योजन मोटी हैं। इसके तीन भाग है – खर भाग, पंक भाग अब्बहुल भाग। इसमे खर भाग पंक भाग में भवनवासी और व्यंतर देवो के भवन है। आंैर तीसरे भाग अब्बहुल में नारकियों के भवन है। Ratnaprabha- Name of…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृषभसेन – Vrsabhasena. The younger brother of Bharat Chakravarti, who became first chief disciple of Lord Rishabhdev.Name of a king of Rajgrahi city. भरत चक्रवर्ती के छोटे भाई जो की पुरिमतालपुर के राजा थे ये भगवन ॠषभदेव के प्रथम गणधर बने राजगृही के एक राजा का नाम जिन्होने तीर्थकर मुनिसुव्रत को आहार…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नसंश्रवा – सुमाली का पुत्र तथा रावण का पिता। Ratnasrava- Father’s name of ravan
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाकाल उदय–Yathakala udaya Fruition of karmic nature on maturity. स्तिथिपूर्ण होने पर समय पर कर्मो का उदय में आना “