रूपस्थ ध्यान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपस्थ ध्यान – समवषरण में स्थित अरहंत भगवान का ध्यान करना। Rupastha Dhyana-Deeply engrossment in the form of lord Arihant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपस्थ ध्यान – समवषरण में स्थित अरहंत भगवान का ध्यान करना। Rupastha Dhyana-Deeply engrossment in the form of lord Arihant
दिगम्बर मुनि (साधु) Digambar saints, free from all worldly attachments. नग्न वसत्र आभूषण आदि समस्त परिग्रह रहित साधु जो इन्द्रिय विजयी 28 मूल गुणधारी होते हैं एवं जीवदया पालन हेतु मोर पंख की पिच्छी व शरीर शुद्धि हेतु जल के लिए काष्ठ का कमंडलु रखते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तुगवरक A mountain of Bharat kshetra in Arya khand (region). भरतक्षेत्र आर्य खण्ड का एक पर्वत। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आमर्षोषध A supernatural power of medication. जिन ऋद्धि के प्रभाव से साधु के स्पर्श मात्र से जीव निरोगी हो जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तृष्णा – वशीकरण Overpowering on all hopes and desires. स्वयं आशाओं का दास न बनते हुए आशाओं को अपना दासी बना लेना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तूष्णीक Devil; a type of peripatetic deities. पिशाच जातीय व्यंतर देवों का एक भेद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनंदन – Shreenandana. The father of Saptrishi (particularly 7 saints). श्रीमन्यु आदि सप्तऋषियों के पिता ” प्रीतिंकर मुनि के केवलज्ञान के समय एक मास के पौत्र को राज्य देकर सातों पुत्रों सहित दीक्षा ग्रहण की, अंत में मुक्ति प्राप्त की “
एकपादतप An austerity, standing on a leg. एक पैर पर खड़ा होना (अयनादि कायक्लेश का भेद)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रावणद्वादशी व्रत – Shraavanadwadashi Vrata. A particular type of vow (fasting). 12 वर्ष पर्यंत प्रतिवर्ष भाद्रपद शु. 12 का उपवास तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य “
देवदेवमातृक Countries having rain fall. वर्षा के जल से सींचे जाने वाले देश।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]