जगत्श्रेणी!
जगत्श्रेणी Length of universe, unit of 7 Rajus. ७ राजू प्रमाण लोकपंक्ति, एक प्रदेश चौड़े और ७ राजू लम्बे आकाश प्रदेशों की पंक्ति को जगत्श्रेणी कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जगत्श्रेणी Length of universe, unit of 7 Rajus. ७ राजू प्रमाण लोकपंक्ति, एक प्रदेश चौड़े और ७ राजू लम्बे आकाश प्रदेशों की पंक्ति को जगत्श्रेणी कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नादग्रह – Nadagraha A part of the palace of deities भवनवासी देवों के भवनों में एक कक्ष ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शिथिलाचारी : == सन्त्येकेभ्यो भिक्षुभ्य:, अगारस्था: संयमोत्तरा:। अगारस्थेभ्य सर्वेभ्य:, साधव: संयमोत्तरा:।। —समणसुत्त : २९८ यद्यपि शुद्धचारी साधुजन सभी गृहस्थों से संयम में श्रेष्ठ होते हैं तथापि कुछ (शिथिलाचारी) भिक्षुओं की अपेक्षा गृहस्थ संयम में श्रेष्ठ होते हैं।
तत्वत्रयप्रकाशिका A commentary book in Sanskrit written by Bhattarak Shrutsagar. भट्टारक श्रुतसागर (ई. 1487.1499) कृत एक संस्कृत टीका (ज्ञानावर्णव ग्रंथ के गद्य भाग पर)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथत्त्क्व व्यवहार – Prthaktva Vyavahara. Nature of unity in diversity. व्यवहार का एक भेद; जहाँ पर भिन्न द्रव्यों में एकता का संबंध दिखाया जाता है उसे पृथत्त्क्व व्यवहार कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वार्थ – Sarvaartha. The great grand father of Lord Mahavira, One of the 14 earth under Chitra earth. भगवान महावीर के बाबा , चित्रा पृथिवी के नीचे चौदह अन्य पृथिवीयों में 12 वी पृथिवी ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सेना : == कार्यकृद् गृह्यको जन:। —त्रिषष्टिशलाका : १-१-९०८ जो कार्य (सेवा) करता है, लोग उसे पूजते ही हैं।
छर्दि Vomiting, an obstacle of saint-food. साधु संबंधी अन्तराय का एक भेद ; वसन हो जाना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
टीका Commentary, Explanation, Exposition. व्याक्ष्या, विशद व्याख्यान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]