निर्वृत्ति अक्षर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति अक्षर – Nirvrtti Akshara. Words pronounced by the living beings. जीवों के मुख से निकले शब्द, यह व्यक्त और अव्यक्त ऐसे दो प्रकार से होते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वृत्ति अक्षर – Nirvrtti Akshara. Words pronounced by the living beings. जीवों के मुख से निकले शब्द, यह व्यक्त और अव्यक्त ऐसे दो प्रकार से होते है “
उत्तरोत्तर कर्म प्रकृति Secondary karmic nature. 148 उत्तर कर्म प्रकृतियों के भी भेद-प्रभेद।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विकृति – Nirvikriti. Tasteless substance like buttermilk etc. जिस आहार को परस्पर मिलाने से विशेष स्वाद उत्पन्न होता है उसे विकृति कहते है, विकृति से रहित छाछ आदि को निर्विकृति कहते है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जीव : == प्राणैश्चतुर्भिर्जीवति, जीविष्यति य खलु: जीवित: पूर्वम्। स जीव:, प्राणा:, पुनर्बलमिन्द्रियमायुरुच्छ्वास:।। —समणसुत्त : ६४५ जो चार प्राणों से वर्तमान में जीता है, भविष्य में जीयेगा और अतीत में जिया है, वह जीव द्रव्य है। प्राण चार हैं—बल, इन्द्रिय, आयु और उच्छ्वास। अणुगुरुदेहप्रमाण: उपसंहारप्रसप्र्पत: चेतयिता। असमवहत: व्यवहारात्,…
आर्हन्त्य क्रिया An auspicious and sacred activity. कत्र्रन्वय की क्रियाओं में छठी क्रिया-केवलज्ञान होने पर देवों द्वारा की जाने वाली अर्हंतों की पूजा आदि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्ध – Buddha. Buddha, the founder of Buddha religion, An- other name of enlightened or awakened soul. १) बौध्द धर्म के संस्थापक महात्मा बुध्द , २) शुध्द आत्मा का अपरनाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्राह्मण – Brahmana. A Hindu- caste, known by virtues and good activities. जैन धर्म के अनुसार भरत चक्रवर्ती द्वारा स्थापित वर्ण ” ये ब्रह्मसूत्र (यज्ञोपवीत) को धारण करते थे तथा अहिंसा आदि सदाचार को पालते थे “
आयुधशाला Armoury, Arsenal. चक्रवर्ती के अस्त्र , शस्त्र इत्यादि रखने का स्थान।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बीज सम्यग्दर्शन – Bija Samyagdarsana. Right perception perceptible by Bijapad. बिजपदों के द्वारा ज्ञान प्राप्त करने वाले भव्यजीव के जो दर्शनमोहनीय के असाधारण उपशम वश तत्त्वश्रध्दान होता है उसे बीज सम्यग्दर्शन कहते हैं “