गतदेह!
गतदेह Bodiless salvated soul (Lord Siddha). अशरीरी सिद्ध भगवान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गतदेह Bodiless salvated soul (Lord Siddha). अशरीरी सिद्ध भगवान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्व जिनचैत्य क्रिया – Poorva jinachaitya kriyaa. A type of relegious activity pertaining to reveieing of the same idol of Lord in particular period of 6 months. विहार करते छः महीने से पहले उसी प्रतिमा के पुनः दर्शन हो तो उसे पूर्व जिनचैत्य कहते हैं एवं पूर्व जिनचैत्य का दर्शन करते समय पाक्षिकी क्रिया…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोग – रूजा, बीमारी, व्याधि। रोगो की कुल संख्या पांच करोड अडसठ लाख निन्यानवे हजार पांच सौ चोरासी है। ये रोग नारकियों के एक साथ होते है। Roga-Disease
खातफल A measure unit, Volume. क्षेत्रफल को गहराई से गुणा करने पर खात फल होता है । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौक्तिक प्रशस्त निदान–Mauktik Prashast Nidan. To desire for the state of ommiscience. कर्म नाश, संसार के दुखो की हानि व केवलज्ञान का इच्छा रूप निदान”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लांगलावर्ता – पष्चिम विदेह क्षेत्र के 8 देषो मे एक देष। मंजूशा नगरी इसकी राजधानी है। Lamgalavarta-Name of a country of western videh (region) having the capital city Manjusha
खातिका Name of the 2nd auspicious land of Samavsharan -the holy assembly of Jaina Lord. समावशरण की द्वितीय भूमि । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
आटे का मुर्गा Name of a religious novel containing the greatness of non-violence written by Ganini Aryika Shri Gyanmati Mataji. गणिनी आर्यिका ज्ञानमति माताजी द्वारा रचित एक धार्मिक उपन्यास। जिसमें राजा यशोधर द्वारा मात्र आटे के मुर्गे की बलि दिये जाने से अनेक जन्मों तक उठाये गये दुःखों का वर्णन है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रियोग – साधुओं का एक कृति कर्म। सायंकालीन प्रतिक्रमण के पष्चात योग भक्तिपूर्वक जैन साधु रात्रियोग धारण करते है।प्रात कालीन सामायिक से पूर्व योग भक्तिपूर्वक ही उसका निश्ठापान करते हैं। Ratriyoga-Meditation activities to be observed by saints during night hours (an austerity)
खड्गासन A type of meditative relaxation, A posture of meditation, Salvation posture of Lord Mahavir. कायोत्सर्ग ; दोनों हाथ लंबे लटकाकर ४ अंगुल के अंतर से पगों को रखकर सीधा ध्यानरूप खडा होना. भगवान महावीर ने इसी खड्गासन मुद्रा से मोक्ष प्राप्त किया था ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]