प्रतिबुद्धता!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिबुद्धता – Pratibuddhataa. Discriminative knowledge. प्रत्येक क्षण व लव में होने वाले प्रतिबोध (ज्ञान) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिबुद्धता – Pratibuddhataa. Discriminative knowledge. प्रत्येक क्षण व लव में होने वाले प्रतिबोध (ज्ञान) “
उपलब्धिसमा जाति Parity per attainments . वादी द्वारा कहे जा चुके कारण के अभाव होने पर भी साध्य धर्म का उपलब्ध हो जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिपाती – Pratipaatee. One falling from the stage of right conduct. सम्यकचारित्र से भ्रष्ट होकर असंयम में आने वाला “
उपभोगान्तराय कर्मप्रकृति Obstructive karmas of enjoyment. अंतराय कर्म का एक भेद जो उपभोग पदार्थों के उपयोग में बाधा डाले।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिघकर्म – Pratighakarma. Removing obstruction or resistance. अनुयोग की निरुक्तिमें प्रयुक्त 5 दृष्टान्तों में एक-जैसे लकड़ी से किसी वस्तु को तैयार करने के लिए उसके निरुपयोगी भाग को छांटकर निकाल देना (अपरनाम-प्रतिघात कर्म) “
उपयोग Conscious activity, Applied/functional consci-ousness, Cognition . जीव का लक्षण चेतना की ज्ञान-दर्शन रूप परिणति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रणेता – Pranetaa. Founder, Maker, Composer. संस्थापक, रचनाकार “
उपपादगृह” ‘Place of birth of Indras etc. स्वर्ग के इन्द्र की उत्पत्ति का ग्रह यह मानस्तम्भ के पास आठ योजन चैडा इतना ही लम्बा ऊँचा होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पदंत (आचार्य) – Puspadamta (Acarya). Name of an Acharya of Moolsangh, who wrote Shatkhandagam (a great Jaina treatise). मुलसंघ के एक आचार्य; धरसेनाचार्य के पादमुल में ज्ञान प्राप्त करके षट्खंडागम की रचना की, ये अंगांशधारी थे. इस नाम से और भी आचार्य हुए “