वेदत्रय!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदत्रय –Vedatraya Triplet of gender (male, female & impotent) स्त्री, पुरुष, नपुंसक वेद “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदत्रय –Vedatraya Triplet of gender (male, female & impotent) स्त्री, पुरुष, नपुंसक वेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधिक जघन्य – Saadhika Jaghanya. Some more than lowerst. जघन्य से कुछ अधिक ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ तत्व:Another name of ‘Shuddopayog (supreme ele-ment).शुद्वोपयोग का अपरनाम ।
तीर्व Intense, Acute. भाव, क्रोधादि कषायों की तीव्रता को तीव्र भाव कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादिबंधी प्रकृति – Saadibamdhee Prakrteei. A type of karmic nature with having property of rebinding. सम्यग्दर्शन को प्राप्त करने के उपरांत जो जीव गिरकर पुनः मिथ्यादृष्टि हो जाता है उसे सादि-मिथ्यादृष्टि कहते है।
फ The 22nd consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का बाईसवाँ व्यंजन, इसका उच्चारण स्थान ओष्ठ है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
ऊहापोह Uncertainty, In-decision. हेतु का लक्षण अनिश्चय की स्थिति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लिंग पाहुड – आचार्य कुन्दकुन्द कृत साधु के द्रव्य व भाव लिंग विशयक 22 गाथा निबद्ध ग्रंथ। Limgapahura-Name of a treatise written by Acharya Kundkund
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सागर सिद्व – Saagara Siddha. Beings to be salvated from ocean. समुद्र से सिद्व होने वाले जीव, ये स्तोक होते है।
ऊर्जयंत Called Girnar mountain in Junagarh of Saurashtra. गिरनार पर्वत जहाँ से श्री नेमिनाथ तीथंकर एंव शम्बू अनिरूध प्रद्युम्न सहित 72 करोड़ मुनि मोक्ष गये।[[श्रेणी:शब्दकोष]]