यतिधर्म!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिधर्म–Yatidharm. Observances of ascetic life. मुनिधर्म; आरम्भ परिग्रह का त्यागकर 5 महाव्रत 5 समिति 3 गुप्तियों का पालन करना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिधर्म–Yatidharm. Observances of ascetic life. मुनिधर्म; आरम्भ परिग्रह का त्यागकर 5 महाव्रत 5 समिति 3 गुप्तियों का पालन करना”
चंड A great writer, A king of Rakshasa descendant. ई.पू,३ का एक प्राकृत विद्वान् जिन्होंने प्राकृत लक्षण नाम का एक प्राकृत व्याकरण लिखा, राक्षस वंश का एक राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार नाटक टीका – Samayasaara Naataka Teekaa. Name of a commentary book written by Pandit Sadasukh. पं. सदासुख (ई. 1795-1867) कृत समयसार नाटक पर लिखी गई टीका।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] याचनी भाशा – अनुभय भाशा का एक भेद, इस तरह के प्रार्थना पूर्ण वचनों को कहना। Yacani Bhasa- Requesting language (pertaining to some material)
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसर्जन –Visarjana. Completion, Sending deities back with respect. समापन, पूजा के ५ अंगों में एक अंग, जो पूजा की समाप्ति पर किया जाता है ” इसमें आगन्तुक देवों को आदरपूर्वक अपने-अपने स्थानों पर जाने के लिए प्रार्थना की जाती हैं “
दिवाकरनंदि Disciple of Chandrakirti and spiritual teacher of Shubhchandra. ई. 1068-1098 में चन्द्रकीर्ति के शिष्य तथा शुभचन्द्र के गुरू थे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
घनान्गुल Cubic finger. अंगुल के घन को घनान्गुल कहते हैं, जिसमें लम्बाई , चौड़ाई एवं मोटाई विवक्षित रहती हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार (टीका) – Samayasaara (Teekaa). The commentary books on samayasar treatise written by 1. Acharya Amritchandra 2. Acharya Jaisen etc. आचार्य अमृतचन्द्र (ई. 905-955) द्वारा कृत आत्मख्याति संस्कृत टीका, आचार्य जयसेन (ई. श. 12-13) द्वारा कृत तात्पर्यवृत्ति संस्कृत टीका, पं. जयचंद छाबड़ा (ई. 1807) कृत आत्मख्याति वचनिका हिन्दी टीका, आचार्य श्री ज्ञानसागर (आचार्य श्री…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राग – प्रेम, प्रीति, स्नेह, माया, व लोभ कशाय तथा हास्य, रति व तीन वेद से प्राप्त भाव। Raga-Attachment, passion, love, Affection
चामुंडराय पुराण A book written by ‘Chamundaray’. ई. ९७८ में लिखित चामुंडराय की एक कृति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]