स्ववष!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्ववष – Svavasa Own control or self controlled. आत्मवष, जो परभाव को त्यागकर निर्मल स्वभाव वाले आत्मा को ध्याता है वह स्ववष है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्ववष – Svavasa Own control or self controlled. आत्मवष, जो परभाव को त्यागकर निर्मल स्वभाव वाले आत्मा को ध्याता है वह स्ववष है।
द्रव्य मोह Physical delusion. मोह का एक भेद जीव के द्रव्यादि सम्बन्धि मूढ़भाव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमपाल चांडाल–Yampal Chaandal. Name of a particular brute (Chandal), great person worshipped by deities for observing vow of non–violence on Chaturdarshi. जिसने चतुर्दशी को हिंसा न करने की प्रतिज्ञा ली थी, हिंसा न करने से देवताओ से पूजित हुआ”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्ग – Svarga. The heaven, aboding place of deities. इसका अपरनाम कल्प है ये ऊध्र्वलोक मे स्थित है। स्वर्ग के दो, विभाग है-कल्प व कल्पातीत। यहाॅ वैमानिक देव रहते है अथवा कल्पोपपन्न व कल्पातीत देवो के रहने के स्थान।
द्रव्य पर्याय Different forms of matters. द्रव्य के जितने प्रदेश रूप अंश हैं वे सभी द्रव्य पर्याय कहलाते हैं ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरक्षा – Svaraksaa. To have right or pure conduct, self defence. शुद्व भाव रखना ही स्वरक्षा अर्थात् आत्मरक्षा है, अहिंसा का सिद्वान्त स्वात्म रक्षा के लिये ही है।
द्रव्य छेदना Knowledge of one matter gained by other one (by penetration). एक द्रव्य से दूसरे द्रव्य का ज्ञान होना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृतिवाद – Prakrtivada. A sankhya philosophy of naturalism. एक सांख्य दर्शन “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंभू (कवि) – Svatannbgyy (Kavi). Name of a great ancient poet. अपभं्रष के प्रथम कवि। कृतियाॅ-पउम चरिउ, रिट्ठणेति चरिउ, स्वयंभू छंद, स्वयभू व्याकरण, पंचमि चरिउ, हरिवंश पुराण। समय ई0 734-840।