ईसान!
ईसान Name of a direction ‘Disha’, Name of a heavenly mode. पूर्वोत्तर कोण वाली विदिशा (एक दिशा का नाम) कल्पवासी स्वर्गों का दूसरा कल्प।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईसान Name of a direction ‘Disha’, Name of a heavenly mode. पूर्वोत्तर कोण वाली विदिशा (एक दिशा का नाम) कल्पवासी स्वर्गों का दूसरा कल्प।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंकभाग – Pankabhaaga. A part of Ratnaprabha earth of hell. अधोलोक में सबसे पहली रत्नप्रभा पृथ्वी के तीन भागों में दूसरा भाग जो पंक कहलाता है ” भवनवासी असुरकुमार एवं राक्षस जाति के व्यंतर देवों के भवन यहाँ बने हुए है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूतक – Sutaka. Impurity caused due to the birth or death of one. लोक व्यवहार में जन्म मरण के निमित्त से हुई अषुद्धि को सूतक कहते है। सूतक काल में देव पूजा, आहार दान आदि कार्य नही किया जाता ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैनयिक मिथ्यात्व –VainayikaMithyarva. A type of wrong faith pertaining to pay equal reverence to all deities & all religions. सब देवता और सब मतों को एक समान मानना “
ईर्यापथ क्रिया Act of walking carefully. सूक्ष्म जीवों आदि को जमीन आदि पर देखते हुए चलना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म स्थूल स्कंध – Sukshma Sthoola Skandha. Invisible perceptible matters. स्कंधों के 6 भेदों में चैथा भेद । जो आंखों से दिखाई नहीं देते किन्तु शेष 4 इन्द्रियों से ग्रहण किये जाते है ऐसे स्कंधों को सूक्ष्म स्थूल स्कंध कहते है। जैसे – वायु, शब्द, गंध आदि ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिपासा – Pipasa. Thirst, Desire, Craving. प्यास, तृष्णा, लालच “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुक्ष्मत्व गुण – Sukshmatva Guna. One of the 8 virtues of salvated soul obtained by the destruction of physique making Karmas (extremely subtle form). सिद्धो के 8 गुणो में एक गुण, यह नामकर्म के क्षय होने से प्रगट होता है। इन्द्रिय गोचर न होना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यायसुधा – Nyaaysudhaa. A book written by kashik & Someshvar bhatta. मीमांसा दर्शन प्रवर्तक काशिका व सोमेश्वर भट्ट कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्तोदा कूट – रक्तोदा कुंड में स्थित कूट। Raktoda Kuta-name of a summit situated in Raktoda Kund