बोध!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बोध – Bodha. Comprehension. ज्ञान “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र वैक्रियिक काययोग–Mishra Vaekriyika Kayayoga. A kind of Karmic body form. उत्त्पत्ति समय से लेकर अन्तमुहूर्त पर्यत कार्मण शरीर की सहायता से वैक्रियिक शरीर की वर्गणाओद्वारा जो योग होता है”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हंस – Hammsa. Goose, gander, swan, another name for soul (a symbol for sacred one). Father’s name of Jaina Lord Simandhar Swami of Videh kshetra (region). क्षीर नीर का विवके करने वाला एक पक्षी, मानसरोवर मे रहने वाले हंस को राजहंस कहते है। अनंतज्ञानादि निर्मल गुण सहित हंस के समान उज्जवल परमात्मा हंस है,…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परदेशिकत्व:Competence to inspire others for following the right path.दूसरे को सच्चा मार्ग बताने की क्षमता ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव विवेक – Bhava Viveka. Wisdom for the disattachment in worldly affairs. विवेक का एक भेद; समस्त पर पदार्थों से ममत्व का त्याग करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वामित्व – Svaamitva. Ownership, governance. किसी वस्तु पर स्वामी का अधिकारपना।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर क्षेत्र : Alien space points(reg. matters).द्रव्य विशेष के प्रदेश की अपेक्षा अन्य द्रव्यों के प्रदेश उसके परक्षेत्र कहलाते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भानुकण – Bhanukana. A king of Rakshas dynasty. राक्षस वंश का एक विधाधर राजा ” रावण का भाई, अपरनाम – कुंभकर्ण, इन्होंने दीक्षा धारण कर बडवानी (बावनगजा, म.प्र.) से मोक्ष प्राप्त किया “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वहित – Svahita. One own benefit, benefiting self. हित के दो भेदो मे प्रथम भेद- आत्महित।