भद्र!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्र – Bhadra. Worthy, gentle person, A protecting deity of Nandishwar ocean. सरल, परिणामी, नंदीश्वर समुद्र का एक रक्षक देव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्र – Bhadra. Worthy, gentle person, A protecting deity of Nandishwar ocean. सरल, परिणामी, नंदीश्वर समुद्र का एक रक्षक देव “
गुणश्रेणी multiple progression top. सम्यक्त्व प्रकृति के अंतिम स्थितिकांडक की जब यक जघन्य स्थिति का अंतिम समय प्राप्त नहीं होता है वह स्थिति गुणश्रेणी शीर्ष कहलाती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वविदेह – Poorvavideha. The regien in the east of Sumeru mountain (the eastern part of Videh Kshetra region). सुमेरु पर्वत की पूर्व दिशा में स्थित कच्छादि 16 क्षेत्रों को पूर्व विदेह कहते हैं “
चतुरिन्द्रिय जाति नामकर्मप्रकृति A type of Karmic nature causing four sensed beings. नामकर्म की एक प्रकृति ; जिसके उदय से जीव ४ इन्द्रिय कहा जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैयावृत्य तप –Vaiyavrttya Tapa Pious service of 10 types of saints by another saints, a kind of internal austerity. तीसरा अंतरंग तप, १० प्रकार के साधुओं की यथायोग्य सेवा करना “
उद्योतकर One who creates light, A founder of judicial literary. उद्योत (प्रकाश) करने वाला नैयायिकमत के एक साहित्य प्रवर्तक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गंगकीर्ति Name of a Bhattarak (learned person). नंदी संघ बलात्कार गण के वारां गद्दी के एक भट्टारक । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतमुख – Bhutmukha. Name of a dominion ‘Shield’ of Chakravati(em-peror) Bharat & Lord Aranath. चक्रवर्ती भरत तथा भगवान अरनाथ का अस्त्र (ढाल) यह भूतों की मुखाकृतियों से चिन्हित होता था “
थलचल Animals living on Land terrestrial. पंचेन्द्रिय तिर्यंचों के 3 भेदों में एक भेद, धरती पर चलने वाले तिर्यंच जीव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]