परमावस्था!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमावस्था:State of salvation.निश्चय मोक्षमार्ग का अपरनाम । सिद्वावस्था
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमावस्था:State of salvation.निश्चय मोक्षमार्ग का अपरनाम । सिद्वावस्था
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नागौर – Nagaura Name of a place एक स्थान जिसके नजदीक कही मण्डल गढ़ नगर में पं. आशाधर जी का जन्म लिखी ”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पेशी – Pashi. Muscles. औदारिक शरीर में पाई जाने वाली माँसपेशियाँ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधर्म्य – Saadharmya. Parallelism, Means showing some existence. धर्म, गुण आदि की समानता । साध्य के आधार में जिसकी वृत्तिता निष्चित हो उसको साधर्म्य कहते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशालप्रभ – Vishalaprabha. Name of the 10th Jaina – Lord of Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र के १० वें तीर्थकर का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सातिशय केवली – Saatisaya Kevale. A type of omniscient one. तीर्थकर प्रकृति रहित, 25 अतिशयो (केवलज्ञान, 14 देवकृत, 1 वज्रवृषभनाराच संहन), 4 प्रातिहार्य (छत्र, सिंहासन, भामंडल, दिव्यध्वनि), गन्धकुटी व अनन्त चतुष्टष् सहित सातिशय केवली होते है। अर्थात् अतिशय युक्त केवली को सातिशय केवली कहते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैथुन संज्ञा– Maithun Sangya. Sex instinct. 4 संज्ञाओ में एक संज्ञा; मैथुनरूप क्रियाओ में होने वाली इच्छा”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सात नय – Saata Naya. Seven particular kinds of standpoints. नैगम, संग्रह, व्यवहार, ऋजुसूत्र, शब्द, समभिरुढ़ और एवंभूत ये 7 नय है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भित्ति चित्र – Bhitti chitra. Stucco embellishment (decorative wall work). चित्रकला का एक भेद; इसमें दीवार पर विभिन्न रंगों से आक्रतियाँ चित्रित की जाती हैं “
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] == कायक्लेश : == सुखेन भावितं ज्ञाने, दु:खे जाते विनश्यति। तस्मात् यथाबलं योगी, आत्मानं दु:खै: भावयेत्।। —समणसुत्त : ४५३ सुखपूर्वक प्राप्त किया हुआ ज्ञान दु:ख के आने पर नष्ट हो जाता है। अत: योगी को अपनी शक्ति के अनुसार दु:खों के द्वारा अर्थात् कायक्लेशपूर्वक आत्म-चिन्तन करना चाहिए।