प्लक्ष!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्लक्ष – पद्पुरण के अनुसारसिताल्नाथ भगवन के दीक्षा वृक्ष का नाम ” महापुराण के अनुसार ये वृक्ष बेल का है ” Plaksa- Name of the initiation tree of lord Sheetalnath
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्लक्ष – पद्पुरण के अनुसारसिताल्नाथ भगवन के दीक्षा वृक्ष का नाम ” महापुराण के अनुसार ये वृक्ष बेल का है ” Plaksa- Name of the initiation tree of lord Sheetalnath
आराधना संग्रह A book written by ‘Acharya Padmanandi’. आचार्य पद्मनन्दि द्वारा रचित एक ग्रन्थ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संक्रमण – Sankramana. Transition of Karmic nature. कर्म प्रकृतियों का बदलकर अन्य प्रकृति रूप हो जाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकोच – Sankoca. Narrowness, Contraction. सिकुड़ना, संक्षेपण, सहमना “
देवायु कर्म Celestial life-span Karma, Celestial Longevity determining Karma. आयु कर्म का एक भेद जिसके उदय से जीव निश्चित समय तक देव शरीर में रूका रहे।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकर – Sankara. Hybrid, Cross-breed, Something mixed. सम्मिश्रण, मिलावट “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रीति क्रिया- गर्भान्वय की 53 क्रियाओं में एक क्रिया; इसमें गर्भाधान के तीसरे मास में जिनेद्र देव की पूजा की जाती है। Priti Kriya- An auspicious act of religious observances ( to be done in 3rd month of pregnancy)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षड्विशंति – Sadvishanti. Twenty six (26 delusive Karmic nature of false believers etc.). 26, नियम से मिथ्यादृष्टि जीव मोह की 26 प्रकृतियों का स्वामी होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रियंगु- सुदिनाथ एवं पग्प्रभ भगवान के दीक्षा वृक्ष का नाम। Priyamgu-Name of the initiation tree of lord sumantinath & lord padamaprabha.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संभिन्नश्रोत ऋद्धि – Sanbhinnashrotra Riddhi. A super power of replying at once the queries of all beings present in all 10 directions. बुद्धि ऋद्धि के 18 भेदों में एक भेद; जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु श्रोत्र-इन्द्रिय के उत्कृष्ट क्षेत्र से बाहर दशों दिशाओं में संख्यात योजन प्रमाण क्षेत्र में स्थित मनुष्य और तिर्यंचों…