परस्थान सन्निकर्ष!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्थान सन्निकर्ष:A type of Sannikarsh-close contact (related to all 8 karmas).सन्निकर्ष का एक भेद, आठों कर्मो विषयक सन्निकर्ष।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] परस्थान सन्निकर्ष:A type of Sannikarsh-close contact (related to all 8 karmas).सन्निकर्ष का एक भेद, आठों कर्मो विषयक सन्निकर्ष।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर कृशीकरण – Shareera Krisheekarana. An austerity related to mortification of body. कायाक्लेश तप; आचाम्ल, निर्विकृति, उपवास आदि के द्वारा शरीर को कृश करना “
उत्पाद पूर्व First early canon of Jaina, a type of scriptural knowledge (Shrutgyan). श्रुत ज्ञान के 14 पूर्वों में से प्रथम पूर्व जीव पुद्गल आदि का जहाँ जब जैसा उत्पाद होता है उस सबका वर्णन जिसमें हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्य केवली – Saamaanya Kevalee. A type omniscient. केवली के 7 भेदो में एक भेद; सामान्य मुनि अवस्था से केवलज्ञान को प्राप्त करने वाले ।
ऋजुसूत्रनय Straight view point (related to present). जो नय केवल वर्तमान काल संबंधी पर्याय को ग्रहण करता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकजीव The being (reg. soul), A type of disquisition door (Anuyogdvar). अनुयोगद्वार का एक भेद।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्करण काल Destructional or reducing period of Karmic powers. काण्डउक कर्मों की स्थिति, बंध, अनुभाग सत्वर घटाने का काल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमावधि : Supreme clairvoyance.अवधिज्ञान के 3 भेदों में एक भेद, यह उसी भव से मोक्ष जाने वाले (चरमषरीरी) साधु को होता है, केवल ज्ञान होने तक यह नही छूटता ।