स्वयंशोधक!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंशोधक – Svayammsodhaka. One who repents himself for his faults, not before the preceptor (it is an infraction). प्रायष्चित देने से पूर्व ही स्वंय प्रायष्चित लेने वाला स्वंय शोधक कहलाता है (यह एक अतिचार है)।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंशोधक – Svayammsodhaka. One who repents himself for his faults, not before the preceptor (it is an infraction). प्रायष्चित देने से पूर्व ही स्वंय प्रायष्चित लेने वाला स्वंय शोधक कहलाता है (यह एक अतिचार है)।
द्वादशंग Twelve parts of scriptural knowledge. श्रुत के 12 अंग ; द्रव्यश्रुत रूप की रचना गणधर करते हैं इसे ही जिनवाणी कहते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतति – Santati. Continued succession, offspring, descendants, lineage. परम्परा “
आलेख्याकार Painting with realness. चित्रकारी-केवलज्ञान में चित्रपट के समान तीनों काल की वस्तुएं चित्र के समान (आलेख्याकार) साक्षात भाषित होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == चाह : == ख्याति—पूजा—लाभं, सत्कारादि किमिच्छसि योगिन्। इच्छसि यदि परलोकम्, तै िंक तव परलोके ? —समणसुत्त : २३५ हे योगी ! यदि तू परलोक चाहता है तो ख्याति, लाभ, पूजा और सत्कार आदि क्यों चाहता है ? क्या इनसे तुझे परलोक का सुख मिलेगा ?
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव गुणपर्याय – Svabhaava Gunaparyaaya. Different natural forms of a matter. द्रव्यो के अगुरुंलधु गुण के अनंत अविभाग प्रतिच्छेदो की समय समय मे उत्पन्न होने वाली जो पर्याये है वह द्रव्यो की स्वभाव गुणपर्याय कही गयी है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैक्रियिक समुदघात –VaikriyikaSamudghata Overflowing of soul points from the body for transforming the own shape. विक्रिया करने के लिय अथार्त शरीर को छोटा, बड़ा या अन्य शरीर रूप करने के लिय आत्मा के प्रदेश शरीर से बाहर निकलते हैं वह वैक्रियिक समुदघात हैं “
आनंदिनी The name of a dominion ‘Bheri’ of Bharat Chakravarti (emperor). भरत चक्रवर्ती की विभूति भेरी का नाम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्नातिचार – Svapnaaticaara. An infraction, use of unusable matters in dreams.अतिचार का एक भेद, स्वप्न मे अयोग्य पदार्थ का सेवन होना।
जिनायतन The Jain temples (natural & man made). जिनमंदिर-यह अकृत्रिम-कृत्रिम के भेद से दो प्रकार के होते हैं। ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]