ऋजुगति!
ऋजुगति Straight motion. वर्तमान शरीर को डोड़कर आगामी भव में जाते हुए जीव की जो सरल मोड़ा रहित एक सरल वाली गति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऋजुगति Straight motion. वर्तमान शरीर को डोड़कर आगामी भव में जाते हुए जीव की जो सरल मोड़ा रहित एक सरल वाली गति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूढ संख्या – संख्या जो स्वयं से अथवा एक से भाजित होती हो। Rurha Samkhya-Prime number (Number which can be divide only by 1 or itself)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधुधर्म – Saadhudharma. Basic restraints, conduct & discipline of Jain saints. अनगार धर्म । संसार शरीर भोगों से विरक्ति, ज्ञानाचार आदि 5 आचार, 10 धर्म, संयम, मूलगुण और तपरूप उत्तरगुण, मिथ्यात्व मोह आदि का नाष, कषायों का शमन , इन्द्रिय दमन, निर्मल रत्नत्रय तथा अंत में समाधि मरण यह सब मोक्षपद में कारण मुनियों…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] यशोभद्रा – नन्दीष्वर द्वीप की उत्तर दिषा में स्थित एक वापी। Yasobhadra-name of a religious preceptor of Acharya Bhadrabahu-2
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विदेह क्षेत्र – Videhaksetra. Specified 5 regions of middle universe compris- ing 1 in Jambudvip, 2 in Dhatkikhand & 2 in Pushkarardh where Dushma-Sushma Kal (un-happy-cum-happy period ) is prevailing there all the time. जम्बूद्वीप का चौथा क्षेत्र, जो सुमेरु पर्वत द्वारा पूर्व व पशिचम दो भागों में विभक्त है – जम्बूद्वीप…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधिक जघन्य – Saadhika Jaghanya. Some more than lowerst. जघन्य से कुछ अधिक ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमार्थ तत्व:Another name of ‘Shuddopayog (supreme ele-ment).शुद्वोपयोग का अपरनाम ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रस – रसना इन्द्रिय का विशय यह 6 प्रकार का होता है – दूध, दही, धी, तेल, गुड, षक्कर, नमक। काव्य का एक अंग ये नौ होते है। Rasa-Juice, liquid, sap, A kind of literary sentimental form of poem
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सादिबंधी प्रकृति – Saadibamdhee Prakrteei. A type of karmic nature with having property of rebinding. सम्यग्दर्शन को प्राप्त करने के उपरांत जो जीव गिरकर पुनः मिथ्यादृष्टि हो जाता है उसे सादि-मिथ्यादृष्टि कहते है।
फ The 22nd consonant of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का बाईसवाँ व्यंजन, इसका उच्चारण स्थान ओष्ठ है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]