विसंवाद!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसंवाद –Visamvada. Misleading or deceptive speech. वचन विरोध, धोखा ” अशुभ नामकर्म के आस्त्रव का एक कारण; अन्यथा प्रवृर्ती या प्रतिपादन करना अथवा दूसरे को धोखा देना विसंवाद है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसंवाद –Visamvada. Misleading or deceptive speech. वचन विरोध, धोखा ” अशुभ नामकर्म के आस्त्रव का एक कारण; अन्यथा प्रवृर्ती या प्रतिपादन करना अथवा दूसरे को धोखा देना विसंवाद है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतरांगुल – Prataraangula. A unit of area measurment. सूच्यंगुल के वर्ग को प्रतरांगुल कहते है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विरोध – Virodha. Opposition, Contradiction, Objection. अनुपलम्भ अर्थात् अभाव के साध्य को विरोध कहते हैं ” असंगति, परस्पर विरुध्द्ता, असंबध्दता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पदंतसागर – Puspadamtasagara. Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Vimalsagar Maharaj. आचार्यश्री विमलसागर महाराज के एक प्रसिध्द आचार्य- शिष्य (ई. श. २०-२१), जिनकी प्रेरणा से सोनकच्छ (म. प्र.) के नजदीक पुष्पगिरी तीर्थ का निर्माण हुआ है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोज्ञ – Manojnna. Delightful , lovely , charming. प्रिय वस्तु होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्करवृक्ष – Puskaravrksa. Earth bodied tree existing in Pushkarardhdvip (island). पुष्करार्धद्वीप में स्थित पृथ्वीकायिक वृक्ष, जिसके नाम से ‘पुष्कर द्वीप’ का नाम सार्थक है. इसके परिवार वृक्ष ५, ६०, ४७६ हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाष्य – Bhasya. Commentary, Exposition. व्याख्या, व्रत्ति, टीका “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुष – Purusa. Male, Masculine gender. जो उत्कृष्ट गुणों में और उत्कृष्ट भोगों में प्रवृति करता है एवं अच्छे भोगों में प्रवृत्त रहता है. नामकर्म के उदय से पुरुष शरीर की संरचना और पुरुषवेद कर्म के उदय से तज्जन्य भाव वाला जीव पुरुष कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याश्रमण – Vidyasramana. Learned Jaina saints at the learning stage of 10th Purva (scriptural knowledge). जो मुनि दसवें पूर्व को पढते समय रोहिणी आदि लौकिक विद्याओं के प्रलोभन में न पड़कर दशपुर्व के पाठी होते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुजगा – Bhujaga. Name of a female beloved deity of a peripatetic deity ‘Mahakay’. महाकाय नामक व्यंतर इंद्र की देवी का नाम “