शुचिदत्त!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुचिदत्त – Shuchidatta. The 4th chief disciple of Lord Mahavira. तीर्थंकर महावीर के चौथे गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुचिदत्त – Shuchidatta. The 4th chief disciple of Lord Mahavira. तीर्थंकर महावीर के चौथे गणधर “
तिजारा (तीर्थ) Name of a Digambar Jain Atishay Kshetra (a place of pilgrimage) of Lord Chandraprabh in Alvar dist. Rajsthan. राजस्थान के अलवर जिले में स्थित एक सुन्दर नगर जहाँ चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र अवस्थित है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुक्ति – Shukti Name of a city of Bharat Kshetra (region). भरत क्षेत्र के शुक्तिमती नदी पर स्थित एक नगर “
एकदेश विरति Limited abstinence. देशव्रत- पापों का स्थूल रूप से त्याग करना(पंचम गुणस्थानवर्ती जीव)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तर्क संग्रह A book written by Shivaditya. वैषेषिक साहित्य प्रवर्तक शिवदित्य का एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेधा–Medha. Mental power, Intelligence, judgement power. बुद्धि, धारणा शक्ति, जिसके द्वारा पदार्थ जाना जाता है उस अवग्रह का नाम मेधा है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचांग – Panchaanga. Five body organs, to bow down with bending both hands, knees & head, a method of paying reverential greetings. पाँच अंग–दोनों हाथ, दोनों घुटने व मस्तक को झुकाकर नमस्कार करना पंचांग नमस्कार कहलाता है “
तरेप्पन क्रिया वृत Union or association with youngs (which is prohibited in relation to observing celibacy). श्रावक की 53 क्रियाओं के वृत – अष्टमूलगुण , बारह व्रत, बारहि तप, समता भाव, ग्यारह प्रतिमाएं, चार दान, पानी छानकर पीना, रात्रि भोजन त्याग, सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान आसैर सम्यग्चारित्र के वृत । इनकी विधिस ग्रंथों में देखें। [[श्रेणी: शब्दकोष…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाचना – Vaachanaa.: Studying, reading & explaining of religious books. स्वाध्याय के 5 भेदों में एक भेद ;निर्दोष ग्रन्थ पढना ,सुनना या योग्य पात्र को सुनाना “
तर्क Argument, Inductive reasoning, Logic. उपलब्धि और अनुपलब्धि की सहायता से होने वाला व्याप्तिज्ञान जैसे – धुएँ को देखकर अग्नि का ज्ञान होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]