सन्यास मरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्यास मरण – Sanyaasa Marana. The holy death of an ascetic. मुनि व्रत धारण कर पंडित मरण करना
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्यास मरण – Sanyaasa Marana. The holy death of an ascetic. मुनि व्रत धारण कर पंडित मरण करना
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुप विपर्यास – Svaruupa Viparyaasa. A contary viewpoint regarding the form of a matter. मिथ्यात्व। जिस पदार्थ का जो लक्षण है उससे विपरीत उसका स्वरुप समझना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतोष भावना – Santosha Bhaavanaa. Attitude of equanimity or satisfaction. मान अपमान में समता रखना, अशन पान आदि के यथायोग्य लाभ में समता रखना संतोष भावना है “
देवर्षि A special type of heavenly deities (Laukantik Dev). लौकांतिक देव।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == क्षमा : == यदि किन्चित् प्रमादेन, न सुष्ठु यस्माभि: सह र्विततं मया पूर्वम्। तद् युष्मान् क्षमयाम्यहं, नि:शल्यो निष्कषायश्च।। —समणसुत्त : ८७ अल्पतम प्रमादवश भी यदि मैंने आपके प्रति उचित व्यवहार नहीं किया हो तो मैं नि:शल्य और कषायरहित होकर आपसे क्षमा—याचना करता हूँ। कोहेण जो ण तप्पदि, सुर–णरतिरिएहि…
ऐन्द्रिय सुख Sensual pleasure. इन्द्रियों के द्वारा प्राप्त क्षणिक सुख।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव परिवर्तन – Bhava Parivartana. Volitional changes causing the transmigration of soul continuously. पंचपरिवर्तन में एक परिवर्तन; मिथ्यात्व के वश में पड़कर प्रकति, स्थिति, अनुभाग और प्रदेश बंध के कारणभूत परिणामों या भावों का अनुभवन “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव नय – Svabhaava Naya. A standpoint expressing the real nature of matter. द्रव्यार्थिक नय, द्रव्य के वास्तविक स्वभाव का कथन करता है।
उपशांतकरण Immaturity of Karmas.कर्म की उदयावली में आने की असमर्थता होना अर्थात् उदय में न आना, दबे रहना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आयंबिल An austerity with single item food, Tasteless food. स्वाद रहित, रूखा भोजन, नीरस भोजन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]