पृथिवीकायिक जीव!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीकायिक जीव – Prthivikayika Jiva. Earth bodied creature; soul which lives in an earth body. जिस जीव के पृथिवी रूप काय विधमान है उसे पृथिवीकायिक जीव कहते हैं ” जैंसे –पत्थर आदि की खान “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवीकायिक जीव – Prthivikayika Jiva. Earth bodied creature; soul which lives in an earth body. जिस जीव के पृथिवी रूप काय विधमान है उसे पृथिवीकायिक जीव कहते हैं ” जैंसे –पत्थर आदि की खान “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == श्रुत : == अर्हद्भाषितार्थं, गणधरदेवै: ग्रन्थितं सम्यक्। प्रणमामि भक्तियुक्त:, श्रुतज्ञानमहोदिंध शिरसा।। —समणसुत्त : १९ जो अर्हत् के द्वारा अर्थरूप में उपदिष्ट है तथा गणधरों के द्वारा सूत्ररूप में सम्यक् गुंफित है, उस श्रुतज्ञान रूपी महािंसधु को मैं भक्तिपूर्वक सिर नवाकर प्रणाम करता हूँ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिविपला – Prativipalaa. A time unit. काल का एक प्रमाण विशेष ” 60 प्रतिविपलांश = 1 प्रतिविपला “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विरक्त : == भावे विरक्तो मनुजो विशोक:, एतया दु:खौघ—परम्परया। न लिप्यते भवमध्येऽपि सन् , जलेनेव पुष्करिणीपलाशम्।। —समणसुत्त : ८१ भाव से विरक्त मनुष्य शोक—मुक्त बन जाता है। जैसे कमलिनी का पत्र जल में लिप्त नहीं होता, वैसे ही वह संसार में रहकर भी अनेक दु:खों की परम्परा से…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतियोगी – Pratiyogi Counter part, competitor, An opponent. विरोधी, साथी, बराबर वाला “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मोत्तर (स्वर्ग) – Brahmottara (Svarga ). The sixth heaven. छठा स्वर्ग; इस कल्प में एक लाख ४ हजार विमान हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भैक्ष्यशुद्धि:Purity in procedural food taking. अचौर्य व्रत की एक भावना; शास्त्त्रोक्त विधि से शुद्ध भोजन ग्रहण करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रकलश – Bhadrakalasa. Name of the treasurer of Ram’. ८ वें बलदेव श्रीराम के कोषाध्यक्ष “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलोत्तरप्रकृति–Mulottar Prakrati. Basic sub–karmic nature which are 148 in number. कर्मो की ज्ञानवरणादि 8मूलप्रकृति एवं इनके उत्तरभेद 148 मूलोत्तर प्रकृति कहलाती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिबोध – Pratibodha. Awaking knowledge; discernment, vigil. जागरण, जानकारी या ज्ञान, सम्यग्दर्शन-ज्ञान, व्रत और शील गुणों को उज्जवल करने, मॉल को धोने अथवा जलाने का नाम प्रतिबोध है “