विकिरंत!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकिरंत- Vikiranta.: Dispersing the yellow rice grains while worshipping. पुष्पांजलि बिखेरना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकिरंत- Vikiranta.: Dispersing the yellow rice grains while worshipping. पुष्पांजलि बिखेरना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विंशति – Vinshati.: Twenty. 20;कषाय व लेश्या की अपेक्षा आयुबंध के 20 स्थान, 20 प्ररुपणा, विदेह क्षेत्र में विद्यमान 20 तीर्थंकर आदि “
घनवात Atmosphere. वायुमण्डल , लोक को वेष्टित करने वाले तीन वातवलयों में द्वितीय वलय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भौमनिमित्तज्ञान:A type of super natural knowledge pertaining to the earthly treasures. अष्टांग निमित्तज्ञान का एक अंग; इससे पृथ्वी के स्थान आदि के भेद से हानि, वृधि तथा पृथ्वी के भीतर रखे हुए रत्न आदि का पता लगाया जाता है “
त्रींद्रिय Living beings having three sense organs. जीव जिनके स्पर्शन , रसना और घ्राण इन तीन इन्द्रियधारी तिर्यंचों में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गुणधर Name of an Acharya. एक आचार्य , लोहाचार्य के शिष्य (ई.श. १ पूर्वपाद), जिन्होंने कषायपाहुड ग्रन्थ की रचना की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]] ==आचार्य श्रीगुणधरदेव का विशेष परिचय == left”200px”]] श्रुतधर आचार्यों की परम्परा में सर्वप्रथम आचार्य कौन हैं ? ऐसा प्रश्न होने पर इतिहासकारों ने बड़े आदर से महान आचार्यश्री गुणधर देव का नाम लिया है।…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगाकांक्षा:Longing for enjoyment. भोग करने की इच्छा होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामपुराण – एक कन्नड कवि पùनाथ द्वारा रचित गं्रथ। समय ई 1580। Ramapurana-Name of a treatise