प्ररोहण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्ररोहण- अरोह, चढ़ाव। Prarohana- Ascent, growth.
तात्पर्यवृत्ति Name of commetary books; written by Acharya Abhaynandi & Acharya Jaisen separately. आचार्य अभयनन्दि (ई. 930-950) द्वारा रचित तत्वार्थ सूत्र की टीका का नाम , आर्चार्य जयसेन (ई.श. 11-12) वृत्त समयसार , प्रवचनसार , व पंचास्तिकाय की टीकाएँ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रयाग- भगवान ऋशभदेव की दीक्षा एवं केवज्ञानकल्याणक भूमि (जहाँ भगवान ने प्रकृश्ट रुप से त्याग किया), वर्तमान इलाहाबाद (उ.प्र.)। युग के प्रथम केषलोंच, प्रथम जैनेष्वरी दीक्षा, प्रथम केवलज्ञान, प्रथम समवसरण एवं प्रथम आर्यिकादिक्षा की भूमि। पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती मातजी की प्ररण से ई. सन् 2001 में इस भूमि पर (इलाहाबाद-बनारस हाइवे पर) “तीर्थकर…
तप्त ऋद्धि Heated, hot. जिस ऋद्धि से खाया हुआ अन्न धातुओं सहित क्षीण हो जाता है अर्थात् मल- मूत्रादि रूप परिणमन नहीं होता ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमा प्रमेय- न्याय विशयक एक ग्रंथ। PramaPremeya- Name of book related to judicial matter
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाणंगुल- उत्सेधंगुल से 500 गुना बडा अंगुल। इससे पर्वत, द्वीप, समुद्र आदि का माप होता है। Pramanamgula- A broad measuring unit, A measure
तप गुरू A prime ascetic (guru) having special virtue in austerity. गुण में प्रधान गुरू । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण परार्थ- परोपपदेष से प्राप्त ज्ञान। PramanaParartha- Knowledge caused by other means
तपकल्याणक वंदना Worshipping prayer of an auspicious event of Tirthankar’s (Jaina-Lord) life. कृतिकर्म सिद्ध- चारित्र- योगि व शांति भक्ति ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]