त्रिलोकसार!
त्रिलोकसार A book of Karnanuyog written by Acharya Nemichandra Siddhant Chakravarti. आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती द्वारा ई.श.11 पूर्व में रचित करणानुयोग से संबंधित लोकविभाग विषय पर प्राकृत ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिलोकसार A book of Karnanuyog written by Acharya Nemichandra Siddhant Chakravarti. आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती द्वारा ई.श.11 पूर्व में रचित करणानुयोग से संबंधित लोकविभाग विषय पर प्राकृत ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पवती – Puspavati. Name of a chief female divinity of an Indra of Kinnar type. किन्नर जाति के व्यंतरों के इन्द्र ‘महापुरुष’ की वल्लभिकादेवी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूप्य – रूक्मि पर्वत छठे कूट व देव का नाम। Rupya-name of the 6th summit of rukmi mountain and its deity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्प – Puspa. Flowers, an article for worshipping Lord Arihant. फूल- चंपा, चमेली, गुलाब आदि. भगवान की पूजन में प्रयुक्त अष्ट द्रव्यों में एक द्रव्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषाकार – Purusakara. A particular standing posture of male (shape of Teen Lok). तीन लोक का आकार पुरुषाकार कहलाता है (दोनों पैर फैलाकर दोनों हाथों को कमर पर रखकर खड़े पुरुष का आकार) “
देशावधि A part of clairvoyance (partial direct knowledge). अवधिज्ञान का प्रथम भेद ; यह अवधिज्ञानावरण के क्षयोपशम से होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरातत्त्व – Puratattva. Archaeology. पुरातन, प्राचीन अवशेष “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीरसेना –Virasena. Mother’s name of the 7thJaina – Lord of Susima city of Videh (region). विदेहक्षेत्रस्थ सुसीमा नगरी के ७ वें तीर्थकर ऋषभानन की माता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रज्ञावती – Pragyaavatee. Mother’s name of Lord Mallinath. मल्लिनाथ भगवान की माता का नाम “
देशसत्य Different regional words having same meaning (i.e. same basic truth). सत्य के दश भेदों में से एक नियत समय के लिए जो वचन अलग-अलग प्रांत , नगर , ग्राम आदि में प्रचलित होता हो या विभिन्न भाषाओं में बोला जाता हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]