प्रविचार!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रविचार- मैथुन के उपसेवन को प्रविचार कहते है। Pravicara- Sexual enjoyment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रविचार- मैथुन के उपसेवन को प्रविचार कहते है। Pravicara- Sexual enjoyment
चतुर्णिकाय Four types of deities. भवनवासी, व्यन्तर , ज्योतिश्का , वैमानिक इन ४ निकायों के देव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गारूडी विद्या Knowledge which removes the venomous effect by incantation. सर्प के विष को दूर करने वाली विद्या।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यभिज्ञान- pratyabhijnana Recognition वह यही है इस प्रकार के स्मरण को प्रत्यभिज्ञान कहते है।
त्रिलोकबिंदुसार Name of 14th Purva (parts of scriptural knowledge). चैदहवां पूर्व । इसमें तीन लोक का स्वरूप , एवं बीजगणित आदि का कथन है इसके साढे 12 करोड़ पद है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतीकार- pratikara Retaliation, retribution, revenge, counter action. प्रतिरोध या विरोध करना।
एकान्त वृद्धि योगस्थान See – Ekå´tånuvro ddhi Yogasthåna. देखें – एकांतानुवृद्धि योगस्थान ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव प्राण – Bhava Prana. Psychical vitalities. सम्यग्दर्शन, ज्ञान व चारित को भाव प्राण कहा है ” अथवा आत्मा की जिस शक्ति से इंद्रिय आदि अपने कार्य में प्रवर्तन करें “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान अप्रमत्त – Svasthaana Apramatta. The first phase of the 7th spiritual stage of development-unstable stage of meditation. सतवे गुणस्थान के दो भेदो मे प्रथम भेद। जब तक चारित्रमोहनीय की 21 प्रकृतियो के उपषमन तथा क्षपण के कार्य का प्रारम्भ नही होता, किन्तु संज्वलन के मंदोदय के कारण प्रमाद भी नही होता, केवल सामान्य…
देहत्रय Three kinds of body. औदारिक , तैजस , कार्मण ये तीन शरीर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]