स्वाधीन सुख!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाधीन सुख – Svaadhiina Sukha. Supreme bliss. स्ंसार के समस्त विषय-कषायोे की रहितता से प्राप्त सुख। यह सुख सिद्वो मे पूर्णतः प्रगट होता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाधीन सुख – Svaadhiina Sukha. Supreme bliss. स्ंसार के समस्त विषय-कषायोे की रहितता से प्राप्त सुख। यह सुख सिद्वो मे पूर्णतः प्रगट होता है।
देशोपशम A type of partial subsidence (related to Karmic theory). उपशम का एक भेद; सम्यक्त्व प्रकृति संबंधी देशघाती के उदय को देशोपशमना कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साकांक्ष अनशन – Saakaanksha Anasana. A type of austerity (fasting) to be observed for some specific time periods. अवधृत काल अनषन तप अर्थात् नियतकालीन उपवास। इसके शष्टम, अष्टम, द्वादष, पंद्रह दिन, एक मास, कनकावली, मुरज, सिंहनिष्क्रीडित इत्यादि जो भेद जहाॅ है, वह सब साकांक्ष अनशन तप है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैश्रवण –Vaisravana A name for Kuber, Name of a city of southern Vijayardh mountain, Name of a mountain at the southern bank of river, Sita कुबेर का एक नाम, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर, सीता नदी के दक्षिण तट पर वक्षार पर्वत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहेतुक प्रत्याख्यान – Sahetuka Pratyaakhyaana. Causal renunciation-one of the 10 types of renunciations. प्रत्याख्यान के 10 भेदों में एक भेद ” किसी निमित्त से किया जाने वाला त्याग जैसे-इस ग्रंथ का अध्ययन आदि पूर्ण होने तक अमुक वस्तु का त्याग करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमूर्च्छन जन्म – Sammoorchchhana Janma. Spontaneous birth (formation of body organs or limbs by surrounding matter). जन्म के तीन भेदों में एक भेद; तीन लोकों में सर्वत्र बिना माता-पिता के सम्बंध से सब ओर से पुद्गलों को ग्रहण करके जो शरीर की रचना हो जाती है उसे संमूर्च्छन जन्म कहते हैं ” देखें- संमूर्च्छन…
देशावकाशिक व्रत Vow of keeping restriction in movement, food eating, sensual pleasures etc. to a limit. प्रथम शिक्षाव्रत – दिगव्रत की सीमा के अन्तर्गत दैनिक गमनागनम मे घर, बाजार, गली, मोहल्ला आदि की सीमा करना। निश्चित सीमा के बाहर गमन करने का त्याग , भोजन करने का त्याग, मैथुन करने का त्याग अथवा मौन धारण…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रबुद्ध- बुद्धिमान, विद्वान, जानकार। prabuddha – learned, enlightened, wise.
देवकुरू A land of enjoyment situated in Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र में मेरूपर्वत के दक्षिण में स्थित उत्तम भोगभूमि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचयनार्थ- श्रुतज्ञान का पर्यावाची नाम, जिस आगम में वचन औश्र अर्भ ये दोनों प्रकृश्ट अर्थात् निर्दोश है उस आगम की प्रवचनार्थ संज्ञा है। Pravacanartha- Another name of Shrutgyan, scriptural knowledge