सर्वस्थिति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वस्थिति – Sarvasthiti. Karmic aggregate at highest state. उत्कृष्ट स्थिति में रहने वाले (बद्धक्रम के ) सम्पूर्ण निषेकों का जो समू है वह सव्रस्थिति है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वस्थिति – Sarvasthiti. Karmic aggregate at highest state. उत्कृष्ट स्थिति में रहने वाले (बद्धक्रम के ) सम्पूर्ण निषेकों का जो समू है वह सव्रस्थिति है।
छहढाला A book written by Pandit Daulatram – II. पं दौलतराम – II (ई. सन् १७९८-१८६६) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वश्यामा – Sarvasyaamaa. Mother’s Name of Lord Anantnath. तीर्थकर अनंतनाथ की माता, अपरनाम जयश्यामा ।
चतुरिन्द्रिय जाति नामकर्मप्रकृति A type of Karmic nature causing four sensed beings. नामकर्म की एक प्रकृति ; जिसके उदय से जीव ४ इन्द्रिय कहा जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छद्मस्थ वीतराग Detached, non-omniscient saint at the 11th-12th stage of spiritual development. ग्यारहवें-बारहवें गुणस्थान वाले मुनि छद्मस्थ वीतराग कहलाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वपरित्याग – Sarvaparitayaaga. Renunciation of all (on the pathe of salvation). उपसर्ग मार्ग; शुद्धात्मा के सिवाय अन्य जो कुछ भी बाह्यअभ्यन्तर परिग्रह रूप है, उस सर्व का त्याग ही उत्सर्ग है। निष्चय नय, सर्वपरित्याग, परमोपेक्षा संयम, वीतरागचारित्र, शुद्धोपयोग ये सब एकार्थवाची है।
उद्योतकर One who creates light, A founder of judicial literary. उद्योत (प्रकाश) करने वाला नैयायिकमत के एक साहित्य प्रवर्तक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चैत्यालय A type of temple without having Kalash at the top of dome. ऐसा मंदिर जिसके शिखर पर कलश न हो ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वज्ञसिद्वि – Sarvagyasiddhi. Name of a book written by a saint Anantkirti. अनंतकीर्ति द्वारा रचित वृहत् तथा लधु सर्वज्ञसिद्वि ग्रंथ। समय ई.श. 8 ।
थलचल Animals living on Land terrestrial. पंचेन्द्रिय तिर्यंचों के 3 भेदों में एक भेद, धरती पर चलने वाले तिर्यंच जीव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]