तद्भवस्थ केवली!
तद्भवस्थ केवली An omniscient (of the same birth in which he got omniscience). जिस पर्याय में केवलज्ञान प्राप्त हुआ उसी पर्याय में स्थित केवली । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तद्भवस्थ केवली An omniscient (of the same birth in which he got omniscience). जिस पर्याय में केवलज्ञान प्राप्त हुआ उसी पर्याय में स्थित केवली । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तप-उद्योतन To make self enlightened and pure by penance. तप आराधना संयम भावना में तत्पर रहकर तपश्चरण निर्मल बनाना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर सूक्ष्म- स्कंध के 6 भेदों में एक भेद; जो स्कंध आँखें से तो देखे जाते हैं किंतु जिनका ग्रहण शक्य नहीं है। जैसे-छाया, धूप, चाँदनी आदि। Badara Suksma- Gross fine bodies like shadows, sunlight etc. which can be seen but cannot be caught
तत्वानुशासन A book written by Acharya Samantabhadra. आचार्य समंतभद्र (ई.श.2) द्वारा रचित एक ग्रंथ, जो न्यायपूर्वक तत्वों का अनुशासन करता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तक्षशिला Former name of the present city of Punjab ‘Taiksila’. वर्तमान टैक्सिला, उत्तर पंजाब का एक प्रसिद्ध नगर। सिंधु नदी से जेहलम तक समस्त प्रदेश का नाम तक्षशिला था, जिस पर सिकंदर के समय राजा अम्भी राज्य करता था। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
चन्द्रकान्तशिला The cliffs of moon-stone having melting property. चन्द्रकान्त मणि से निर्मित एक शिला , ये शिलाएं रात्री में चन्द्रमा की किरणों का स्पर्श पाकर द्रवीभूत होने लगती हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रस्तर- स्वर्ग लोक के श्रेणीवद्ध और प्रकीर्णक विमान प्रस्तर कहलाते हैं, एक विधा; इससे षिला उत्पन्न करके उससे किसी को ढ़का या दवाया जा सकता है। Prastara- Stratum, sequential & scattered heavenly abodes, a kind of super power of producing a heavy stone for covering something
चन्द्रदेव Son of Jarasandh, A type of stellar deities. जरासंध का पुत्र, ज्योतिश्का देवों के ५ भेदों में से एक भेद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रशांति क्रिया- गर्भान्वय की एक क्रिया; अपने पुत्र को गृहस्थ का भार सौपकर विरä विरत्त हो धर्म का पालन करते हुए शांत वृत्ति से रहना। Prasanti Kriya- An auspicious & sacred act of entrusting homely responsibilities to the son for engaging in religious observances