स्याद्भव्यत्व!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्भव्यत्व – Syaadbhavyatva. Separate or different entities of matter.द्रव्य के समान 11 स्वभावो मे एक स्वभाव। एक द्रव्य दूसरे द्रव्य रुप नही होता, यह अभव्य स्वभाव है, अतः द्रव्य अपने स्वभाव को नही छोड़ता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्याद्भव्यत्व – Syaadbhavyatva. Separate or different entities of matter.द्रव्य के समान 11 स्वभावो मे एक स्वभाव। एक द्रव्य दूसरे द्रव्य रुप नही होता, यह अभव्य स्वभाव है, अतः द्रव्य अपने स्वभाव को नही छोड़ता।
तर्कामृत A book written by Shivaditya. वैषेषिक साहित्य प्रवर्तक शिवदित्य का एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जननाभिषव An auspicious bathing (anointment) of Jaina Lord (Tirthankar). तीर्थंकरों का जन्माभिषेक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्यादचेतन – Syaadacetana. Exposition of soul as inanimate because of its relationship with karmas, which are inanimate.कर्म अचेतन है एवं जीव से सम्बद्व है, इस दृष्टि से जीवो को अचेतन कह देना।
तमस्विनी A river of Bharat kshetra in Arya khand (region). रात, अंधेरी रात ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जन्नाचार्य A Marathi poet and writer of ‘Shrenik Charit’, An epithet of Vishnu. कन्नड़ कवि (ई. ११७०-१२२५) , अनंतनाथ पूरण के रचयिता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहदेवी – Sahadevi. The mother of Sukaushal, a saint. सुकौशल मुनि कामता । सुकौशल के मुनि हो जाने पर पुत्र वियोग से मरकर सिंहनी हुई । पूर्व के क्रोधवष सुकौशल को खा लिया । अंत में सुकौशल के पिता कीर्तिधर (मुनि) से पूर्वभव जानकर पश्चातापपूर्वक देह का त्याग कर स्वर्ग गयी ।
तप प्रायश्चित्त Austerity for atonement. गुरुजन द्वारा शिष्य के दोष को दूर करने के लिए दिया गया तप का आदेश। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जघन्य नक्षत्र Lunars of 15 Muhurta (a muhurta is of 48 minutes). जो नक्षत्र १५ मुहूर्त के रहते हैं उनको जघन्य नक्षत्र कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्भव A king of Yadu dynasty, Origination, Evolution. यदु (यादव) वंश का एक राजा उत्पत्ति रचना स्रोत।[[श्रेणी:शब्दकोष]]