नयकीर्ति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] The spiritual teacher or preceptor of Padmanandi-6, A disciple of Kaldhautanandi(a saint). आचार्य पद्मनन्दि नं. 6 के गुरु, देशीयगण की तृतीय शाखा में कल्धौतनिन्द के शिष्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] The spiritual teacher or preceptor of Padmanandi-6, A disciple of Kaldhautanandi(a saint). आचार्य पद्मनन्दि नं. 6 के गुरु, देशीयगण की तृतीय शाखा में कल्धौतनिन्द के शिष्य “
जघन्य प्रोषधोपवास A type of fasting (related to Ashtami, Chaturdashi). अष्टमी , चतुदशी को एकासन अथवा आचाम्ल निर्विकृति आहार करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
णमोंकार विधान Name of a Vidhan-procedural worshipping composition. आर्यिका श्री अभयमती माताजी (ई.श.20 उत्तरार्द्ध) एंव अन्य लेखकों द्वारा रचित णमोकार मंत्र के 35 अक्षरों पर आधारित एक पूजा विधान। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] Name of a Digambar Jain saint, the disciple of Charitra Chakravarti Acharya Shri Shantisagar ji Maharaj. चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के प्रमुख 7 मुनि शिष्यों में से एक ” इनकी प्रेरणा से दिल्ली एवं पश्चिमी उत्तरप्रदेश में अनेक स्थानों पर शिक्षण संस्थान तथा पारमार्थिक औषधालय खुले हैं ” 4 समय –…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूल प्रायश्चित–Mula Prayshchit. A special punishment for a saint –Re-initiation. किसी दोष विशेष से युक्त साधु को पुनः दीक्षा देना मूल प्रायश्चित कहलाता है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सविपाक निर्जरा – Savipaaka Nirjaraa. Shedding off or dissociation of Karmas on maturity. निर्जरा के दो भेदों में एक भेद, कर्मो का अपने समय पर उदय में आकर झडना ।
ध्वजभूमि The 5th land of Samavasharan – assembly of Lord. समवशरण की पाँचवी भूमि । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विसपर्ण –Visarpana. Expansion, Crawling, Slight expansion of soul-points. फैलाव, प्रसारण, विस्तार, रेंगना, सरकाना, दीपक के प्रकाश के समान जीव के प्रदेशों का संकोच-विस्तार (विसपर्ण) होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वोपशम – Sarvopashama. Super subsidence (of Kamas). मिथ्यत्व आदि तीनो प्रकृतियों के उदयाभाव को सर्वोपशम कहते है। प्रथमोपशम सम्यक्त्व का लाभ भी सर्वोपशम से होता है।
ध्यानांतरिकी Internal meditational state. ध्यान-मग्न स्थिति। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]