भयंकर चक्रवात
भयंकर चक्रवात (काव्य सात से सम्बन्धित कथा) धूलिया एक ऐसा कु-तापसी था जिसने कि अपने मिथ्या पाखण्ड तथा ढोंग का जाल बिछाकर भोली जनता को उसमें पँâसाने को उपक्रम रच रखा था वैताली विद्या उसे सिद्ध हो गई थी… यह एक ऐसी विद्या है, जिसे कि चरित्र भ्रष्ट मनुष्य भी बिना आत्मज्ञान के प्राप्त कर…